AMU नहीं, ये 7 गेट हैं अलीगढ़ की पहचान, क्‍या आपको पता है अंग्रेजी शासन में बने इस जिले का इतिहास?

वसीम अहमद/अलीगढ़: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक शासनादेश के जरिए प्रदेश के सभी जिलों के लिए एक नया गजेटियर तैयार करने का आदेश दिया गया है. इसमें अलीगढ़ का नाम भी शामिल है. बता दें कि अलीगढ़ का अंतिम गजेटियर 1909 में तैयार किया गया था. आपको जानकार हैरानी होगी कि अलीगढ़ को पहले कोल के नाम से जाना जाता था. साथ ही यहां कोल का एक किला भी मौजूद था.

इस किले को विस्तार देते हुए अंग्रेजी शासन काल द्वारा 1804 में इसे जिला बनाया गया, जोकि पूरे तरीके से किले पर आधारित था. इसके लिए के सात गेट हुआ करते थे. इन गेटों के नाम आज भी प्रचलित हैं. हर एक गेट के नाम से एक इलाका अलीगढ़ में बसा हुआ है. अगर देखा जाए तो इन सात गेटों पर ही अलीगढ़ मुख्य शहर बसा हुआ है.

अलीगढ़ को कहा जाता था कोल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर एमके पुंडीर ने बताया कि अलीगढ़ को 1804 में अंग्रेजों द्वारा जिला बनाया गया, जोकि पूरे तरीके से कोल के किले पर आधारित है. इस कोल के किले को 13वीं शताब्दी में बलवान ने फतह किया था. इसके बाद मध्यकाल के 16वीं-17वीं शताब्दी में इस किले का विस्तार चारों दिशाओं में होता चला गया.

ये सात गेट बने पहचान
प्रोफेसर एमके पुंडीर के मुताबिक, यह विस्तार इतना बड़ा था कि इसने एक पूरे शहर की भांति रूप ले लिया. इस किले के 7 गेट हो गए और इन गेटों के नाम आज भी प्रचलित हैं. दरअसल जिन गेटों के नाम से इलाके बसे हैं. आज भी सब लोग जानते हैं. अलीगढ़ में तुर्कमान गेट, दिल्ली गेट, साबित गढ़ गेट, अतरौली गेट, मदार गेट, हाथरस गेट और सासनी गेट है. यह सात गेट आज भी अलीगढ़ में अपनी एक खास पहचान रखते हैं. अगर देखा जाए तो इन सात गेटों पर ही अलीगढ़ शहर बसा हुआ है.

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