केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तेजपुर में एसएसबी परिसर में सशस्त्र सीमा बल के 60वें स्थापना दिवस में शामिल हुए। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 9 वर्षों में सभी CAPF, चाहे वह CRPF हो या सीमा पर तैनात अन्य सभी संगठनों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए हैं। आज भारत सरकार ने एक डाक टिकट भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन युद्ध के बाद 1963 में एसएसबी की स्थापना हुई और अटल जी ने जब ‘वन बॉर्डर वन फोर्स’ की नीति लागू की, तब से एसएसबी बल 2001 से भारत-नेपाल सीमा और 2004 से भारत-भूटान सीमा की कर्तव्यनिष्ठा से रक्षा कर रहा है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अगले तीन साल में नक्सलवाद की समस्या से शत-प्रतिशत मुक्त हो जाएगा। शाह ने शनिवार को असम के तेजपुर में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 60वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगले तीन वर्षों में देश नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह छुटकारा पा लेगा।” नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एसएसबी की बहादुरी की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ और बीएसएफ के साथ मिलकर एसएसबी ने नक्सली आंदोलन को खत्म कर दिया है।
शाह ने कहा कि मित्र देशों नेपाल और भूटान की सीमा की रक्षा के साथ-साथ एसएसबी ने छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैं जब भी इन इलाकों में नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा के लिए गया हूं तो आपकी बहादुरी के बारे में सुना है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में एसएसबी की भूमिका पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा जम्मू-कश्मीर में एसएसबी ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के साथ मिलकर आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है।
अमित शाह ने कहा कि सरकार ने एसएसबी के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक डाक टिकट जारी किया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल के 60वें स्थापना दिवस के मौके पर आज भारत सरकार ने एक डाक टिकट भी जारी किया। यह एसएसबी की कर्तव्य निष्ठा को देश के लोगों के सामने सदैव जीवित रखेगा। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) समेत सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य संगठनों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं।