Alzeimiers : एल्जाइमर क्या है, जानें इसके लक्षण और उपचार

नई दिल्ली:

Alzeimiers : एल्जाइमर रोग एक मस्तिष्क समस्या है जो आमतौर पर वृद्धावस्था में देखी जाती है. यह एक प्रकार की न्यूरोडीजीनरेटिव बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों की क्षमता कम हो जाती है और सामान्य दैहिक और मानसिक कार्यों को प्रभावित करती है. एल्जाइमर रोग का मुख्य स्थायित्व होता है, और यह ग्रीक डॉक्टर आलोइस आल्जाइमर के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसे पहली बार 1906 में चिकित्सा रूप से वर्णित किया था. एल्जाइमर का उपचार संबंधित व्यक्ति के स्थिति, उम्र, और शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. इसका कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपायों से रोकथाम और जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है.

एल्जाइमर रोग के मुख्य लक्षण:

स्मृति कमी: रोगी को स्मृति में कमी होती है और वह पहले याद किए गए जानकारियों, तारीखों, और घटनाओं को भूल सकते हैं.

भाषा संबंधी समस्याएं: रोगी को शब्दों का सही समय पर उपयोग करने में कठिनाई हो सकती है और वह सही तरीके से विचार व्यक्त करने में भी परेशान हो सकते हैं.

समय और स्थान से अनभिग्य हो जाना: रोगी अक्सर समय और स्थान की भूल कर सकते हैं, जिससे वे खुद को गुमशुदा महसूस करते हैं.

निर्णय लेने में कठिनाई: रोगी निर्णय लेने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं और सामान्य जीवन की रोजमर्रा की गतिविधियों को संचालित करने में मुश्किल हो सकती है.

न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन: मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन के कारण, रोगी का व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव हो सकता है.

स्वच्छता की समस्याएं: रोगी को स्वच्छता के संबंध में समस्याएँ हो सकती हैं, और वे अपने रुटीन की अनुपस्थिति में रह सकते हैं.

एल्जाइमर का इलाज

दवाएँ: कुछ दवाएँ एल्जाइमर के लक्षणों को सुधारने के लिए प्रयुक्त की जा सकती हैं, जैसे कि कोलिनेस्टेरेज इंहिबिटर्स और मेमेंटीन. इन दवाओं का सेवन डॉक्टर के परामर्श के बाद होना चाहिए.

सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन: रोगी को सामाजिक और मानसिक समर्थन की आवश्यकता होती है. परिवार और दोस्तों का साथ, समर्थन, और समझदारी इसमें मदद कर सकता है.

अभ्यास और शिक्षा: एल्जाइमर के रोगी को ध्यान बढ़ाने, स्मृति को सुधारने, और रोग के साथ जीवन को बेहतर बनाए रखने के लिए अभ्यास और शिक्षा की आवश्यकता होती है.

रोजमर्रा की गतिविधियाँ: नियमित रूप से शारीरिक और मानसिक गतिविधियों में शामिल होना, जैसे कि व्यायाम, खेलना, संगीत, और बोर्ड खेल, रोगी के लिए फायदेमंद हो सकता है.

स्वस्थ आहार: स्वस्थ और बृद्धि के लिए उपयुक्त आहार रखना महत्वपूर्ण है. शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित आहार, पौष्टिक तत्वों से भरपूर खाद्य, और प्रतिदिन की चार से पाँच बार भोजन करना आवश्यक है.

रोग के प्रबंधन का सामर्थ्य: डॉक्टर के साथ नियमित चेकअप और रोगी के व्यवहार का प्रबंधन करना भी महत्वपूर्ण है.

जड़ी-बूटीयों का उपयोग: कुछ जड़ी-बूटियाँ और आयुर्वेदिक उपचार भी एल्जाइमर के उपचार में मदद कर सकते हैं, लेकिन इस पर डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है.

इन उपायों का प्रयोग स्वास्थ्य देखभाल टीम के साथ मिलकर किया जाना चाहिए और इन्हें व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अनुकरण किया जाना चाहिए. एल्जाइमर रोग का अभ्यंतरीय और बाह्यीय उपचार होता है, और इसमें दवाओं, चिकित्सा, और सहायक उपायों का समावेश होता है. इस बीमारी का सही समय पर पहचाना जाना और उचित उपचार की शुरुआत करना महत्वपूर्ण है.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *