
यूपी के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी
– फोटो : सूचना विभाग
विस्तार
यूपी के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने कहा है कि केंद्र एवं प्रदेश में ईमान, इंसाफ और इकबाल की सरकार है। उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्वों द्वारा मदरसों की जांच के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय को भ्रमित कर बरगलाने का कार्य किया जा रहा है।
कमिश्नरी के सर्किट हाउस के सभागार में 27 अक्तूबर को मीडिया से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि मदरसों की जांच नहीं हो रही बल्कि उनकी सही जानकारी एकत्रित की जा रही है, ताकि उनके हित में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं में सुधार के साथ ही आवश्यकतानुरूप नई योजनाओं को लागू किया जा सके। इससे उनकी शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में सहयोग मिलेगा। प्रधानमंत्री का सपना है कि मुस्लिम समाज के बच्चे के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर हो। इस दिशा में प्रदेश भर में धरातल पर ठोस कार्य कराए जा रहे हैं।
उन्होंने शाहजहांपुर का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि अभी हाल ही में वहां के सभी मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के मध्य खेल प्रतियोगिताएं कराई गयीं जिनमें बच्चों ने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया है। उन्होंने मदरसों को विदेशी फंडिंग के सवाल पर कहा कि अगर गलत तरीके से फंडिग हुई है तो उसकी जांच करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि अच्छे काम के लिए नियमानुसार फंडिंग हो रही है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। सरकार का प्रयास है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा प्राप्त हो सके।
अयोध्या में राम मंदिर की तरह बनने वाली मस्जिद के उद्घाटन में भी प्रधानमंत्री जी शामिल होंगे के सवाल में उन्होंने कहा कि अभी पहले मस्जिद का निर्माण तो हो, फिर प्रधानमंत्री को उद्घाटन के लिए न्यौता मिलता है अथवा नहीं इसके बाद प्रधानमंत्री को ही निर्णय लेना है कि वे उद्घाटन में शामिल होंगे अथवा नहीं। हालांकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से अल्पसंख्यक समाज भी खुश है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा संचालित लाभार्थीपरक योजनाओं का सर्वाधिक लाभ अल्पसंख्यक समाज को प्राप्त हो रहा है। फिर बात चाहे राशन वितरण की हो, स्वास्थ्य की हो या फिर शिक्षा की।