AKTU और IIM गौमूत्र से हाइड्रोजन बनाने को तैयार: फेस बायोमेट्रिक से होगी गोवंश की पहचान, पर्यावरण को भी मिलेगा लाभ

लखनऊएक घंटा पहले

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IIM अहमदाबाद के सहयोग से AKTU गौमूत्र से हाइड्रोजन बनाने की तैयारी कर रहा हैं।

डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र और IIM अहमदाबाद के प्रो. अमित गर्ग के मार्गदर्शन में इंडियन बायोगैस एसोसिएशन और टेक मशीनरी लैब ने मिलकर गौ एप बनाया है।

इस एप और गोमूत्र से बायो हाइड्रोजन बनाने का डेमो 9 दिसंबर को दिया जाएगा। गौ एप पर गोवंश की पूरी जानकारी रहेगी। फेस बायोमेट्रिक की तरह गोवंश के चेहरे से उनकी पहचान एप के जरिये होगी। फिलहाल कानपुर रोड सरोजनी नगर स्थित कान्हा उपवन की कुछ गायों का डाटा इस एप में दर्ज है।

पर्यावरण का होगा फायदा

इस मौके पर गौशाला चलाने, पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने वाले किसान सहित अन्य लोग ऐप के बारे में जानकारी जुटाएंगे। परी टीम ने गाय आधारित उन्नति का एक वैज्ञानिक मॉडल भी प्रस्तुत किया है जिसका शोध पत्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद के वर्किंग पेपर में प्रकाशित हो चुका है।

गायों को मिलेगा सहारा

एप में दान देने वालों को भी जोड़ा जाएगा। दानदाता ये भी जान सकेंगे कि उनका पैसा सही जगह खर्च हो रहा है या नहीं। गायों की सेहत की निगरानी भी संभव होगी। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र का कहना है कि इस मॉडल के प्रयोग में आने से पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष बताएंगे भारतीय होने का महत्व

भारत को जी 20 देशों की अध्यक्षता मिलने के उपलक्ष्य में एकेटीयू और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आठ दिसंबर को ‘संवाद कार्यक्रम होगा। एकेटीयू परिसर में होने वाले संवाद में मुख्य वक्ता के रूप में उद्यमी और हावर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शरद विवेक सागर मौजूद रहेंगे। बिहार ग्रामीण परिवेश से सम्बन्ध रखने वाले शरद ने मात्र 16 वर्ष की आप में राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की। साथ ही उन्होंने भारत और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में सालाना 1.2 मिलियन से अधिक बच्चों को प्रभावित करने वाले शैक्षिक प्लेटफार्मों की स्थापना भी की है। शरद का नाम मात्र 24 वर्ष की आयु में ग्लोबल फोर्ब्स अंडर 30 लिस्ट में शामिल हो गया था। शरद हार्वर्ड विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। संवाद में शरद अपने अनुभवों को साझा करते हुए विश्व स्तर पर भारत की पहचान क्या है पर बात करेंगे।

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