रिया रागानी का कहना है कि उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था लेकिन सोचा नहीं था कभी यह शौक मेरी पहचान बनेगा। आज मैंने हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि हमेशा परिवार बच्चो सहित उनके पति का सहयोग मिला। आध्यात्मिक शांति के लिए रिया ने लिखना शुरू किया। उन्होंने बताया कि यह किताब उन्होंने वृंदावन में लिखी जहां लंदन हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉड की टीम भी मौजूद थी। उन्होंने 21 घंटे की रिकॉर्डिंग भी रिकॉर्ड की है। रिया ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैंने यह बुक लिखी है।
रिया रागानी ने बताया कि जिस समय वह लिख रही थी उन्हें खुद नहीं पता था कि वह क्या लिख रही है। जब उन्होंने लिखने के बाद उन शब्दों और वाक्य को देखा पढ़ा और समझा तो उनके रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने सोचा नहीं था की वह इतना कुछ लिख सकती हैं। उनका कहना है कि कृष्ण भगवान हमें हमेशा कुछ अलग ही फील कराते थे जिसके चलते आज मैंने यह मुकाम पाया है। चाहे मैं कहीं भी चली जाऊं जैसे मंदिर हो, चाहे किसी का घर हो या फिर वह रोड हो, भगवान मेरे हमेशा साथ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे मेरी आस्था मानों चाहे मेरा विश्वास या उनकी कृपा, इसे कोई भी कुछ भी मान सकता है।
जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लिखने का कुछ इस तरह हुआ कि मैं कई बड़े बिजनेस को छोड़कर कृष्ण की भक्ति में लीन हो गई। उन्होंने कहा कि कृष्ण भगवान की ऐसी कृपा रही कि जो तारीख मैंने अपनी डायरी में लिखी उसी तारीख को वर्ल्ड रिकॉर्ड में मेरा नाम दर्ज हुआ। रिया ने बताया कि मैं इससे भी बड़ा कुछ करना चाहती हूं जब फॉरेनर इतना कुछ कर सकते हैं तो मैं इंडियन होकर क्यों नहीं कर सकती।