गौहर/दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण शुरू से ही बड़ा मुद्दा रहा है. यहां खासकर ठंड के दिनों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. हालांकि, सरकार अक्सर यह दावे करती है कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि 30 सितंबर को दिल्ली का पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (PM2.5) था, जिसमें PM2.5 सांद्रता 100.1 माइक्रोग्राम/घन मीटर (µg/m3) थी. PM2.5 का यह स्तर सरकार के अच्छे स्तर से तीन गुना अधिक है. यह विश्लेषण अक्टूबर 2022 से लेकर 30 सितंबर, 2023 के बीच का है.
यह रिसर्च स्वतंत्र विचारक संस्था क्लाइमेट ट्रेंड्स और प्रौद्योगिकी फर्म रेस्पिरर लिविंग साइंसेज ने की है. यह टेक फर्म रियल-टाइम loT आधारित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डिवाइस बनाती है. यह रिपोर्ट 1 अक्टूबर, 2022 से 30 सितंबर, 2023 तक सरकार के पीएम 2.5 डेटा के विश्लेषण पर आधारित है और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत शामिल किए गए शहरों पर केंद्रित है. इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2026 तक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) में 40 प्रतिशत की कमी हासिल करना है.
दिल्ली-NCR के टॉप प्रदूषित शहर
भारत में प्रदूषण के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर, वहीं पटना दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा दिल्ली-NCR से सटे चार अन्य शहर, जिसमें फरीदाबाद (89 माइक्रोग्राम / घन मीटर), नोएडा (79 माइक्रोग्राम / घन मीटर), गाजियाबाद, (78.3 माइक्रोग्राम/घन मीटर ) तथा मेरठ (76.9 माइक्रोग्राम/घन मीटर) भी 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हैं.
AQI में सुधार लेकिन रैंकिंग में नहीं
दिल्ली में हाल के दिनों में हवा में सुधार हुआ है, लेकिन दिल्ली अभी भी सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बनी हुई है. दिल्ली में पिछले साल अक्टूबर में एयर क्वालिटी को लेकर सुधार देखा गया था. 2022 के अक्टूबर और इस साल सितंबर के बीच हवा की गुणवत्ता में 4% का सुधार हुआ था. इस अवधि के दौरान एनसीआर के शीर्ष 10 शहरों में अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय सुधार हुआ था. जैसा गाजियाबाद में 25%, फरीदाबाद और नोएडा में 12% और मेरठ में 11% है.
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FIRST PUBLISHED : November 6, 2023, 11:04 IST