Agra: शरीर पर 10 चोटों से हुई व्यापारी के बेटे की मौत, स्कूटी, मोबाइल और चश्मा लापता; पुलिस जांच में जुटी

businessman son died due to ten injuries on his body In Agra

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– फोटो : सोशल मीडिया

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उत्तर प्रदेश के आगरा में सेठ गली (कोतवाली) के व्यापारी संजीव अग्रवाल के बेटे आकाश के शरीर पर 10 चोटें लगी थीं। इससे वह कोमा में चले गए और हेमरेज भी हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसे ही मौत की वजह माना गया। पुलिस का मानना है कि व्यापारी पुत्र किसी वाहन की चपेट में आए, चोट लगने से जान चली गई।

आकाश 31 दिसंबर की दोपहर 1:30 बजे घर से स्कूटी लेकर निकले थे। पिता ने थाना कोतवाली में एक जनवरी को गुमशुदगी दर्ज कराई। 3 जनवरी को आकाश का शव अरतौनी के पास हाईवे पर पड़ा मिला। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक नीरज शर्मा ने बताया कि आकाश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि शरीर पर 10 जगह चोटें थीं। एक हाथ की हड्डी भी टूट गई, जबकि पसलियों पर भी चोट और सूजन थी। 

चोटों की वजह से शॉक व हेमरेज होने से मौत हुई। आशंका है कि वह किसी वाहन से टकराए होंगे। जांच की जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि बुधवार सुबह 6 बजे शव अरतौनी में कार शोरूम के पास सड़क पर पड़ा मिला था। पुलिस शोरूम के आसपास लोगों से पूछताछ करेगी। देखा जाएगा कि किसी ने आकाश को किसी वाहन से टकराते देखा था या नहीं।

नहीं मिला मोबाइल, स्कूटी व चश्मा

आकाश जब सेठ गली से निकले, उनके पास स्कूटी थी। दो जनवरी को सुबह के फुटेज में वो न्यू आगरा थाने के पास पैदल नजर आए थे। अब सवाल उठता है कि स्कूटी कहां गई? आकाश का शव जहां मिला, वहां चश्मा भी नहीं था। आकाश को ठीक से दिखाई नहीं देता था। वह बिना चश्मे के नहीं रह पाते थे। फुटेज में वो चश्मे के साथ नजर आए थे। चश्मा कहां गया, पुलिस तलाश में जुटी है। थाने की एक टीम को लगाया गया है। गुम मोबाइल की कॉल डिटेल भी पुलिस निकलवा रही है।

पुलिस अलर्ट होती तो शायद बच जाती जान

31 दिसंबर की दोपहर आकाश लापता हुए थे। गुमशुदगी दर्ज होने पर पुलिस ने मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया। मगर, आकाश को नहीं ढूंढ पाई। वह घटिया चौराहे के पास स्मार्ट सिटी के कैमरे में भी आए। इसके साथ ही न्यू आगरा, खंदारी और गुरुद्वारा गुरु का ताल पर भी रुके थे। पुलिस पहले दिन ही अलर्ट होती तो शायद आकाश की जान बचाई जा सकती थी।

इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस

  • आकाश सेठ गली से निकले, इसके बाद घटिया की तरफ होते हुए गुरुद्वारा गुरु का ताल पहुंचे। तब उनके पास स्कूटी और मोबाइल भी थे। चश्मा भी लगाए थे।
  • गुरुद्वारा में कुछ घंटे बिताने के बाद बाहर निकल गए। इसका पुलिस को फुटेज मिल गया। वह कहां गए? इसकी जानकारी नहीं मिली।
  • 2 जनवरी को सुबह न्यू आगरा थाने के सामने पैदल नजर आए। तब चश्मा नहीं था? चश्मा और स्कूटी कहां गए।
  • आकाश खंदारी चौराहे पर आते हैं। आठ घंटे तक एक ही जगह पर रैन बसेरे के बाहर खड़े रहते हैं, फिर चौराहा पार कर दूसरी तरफ खड़े हो जाते हैं। ऐसा क्यों किया?
  • खंदारी से रात दो बजे पैदल सिकंदरा की तरफ जाते हुए नजर आ रहे हैं? वह धीरे-धीरे क्यों चल रहे हैं?
  • मोबाइल की आखिरी लोकेशन गुरुद्वारा गुरु का ताल की है। मोबाइल बैटरी न होने की वजह से बंद हुआ या फिर किसी ने बंद कर दिया?
  • खंदारी और भगवान टॉकीज पर आकाश अकेले ही पैदल नजर आए। शव अरतौनी में पड़ा मिला। तकरीबन सात किलोमीटर दूर आकाश कैसे पहुंचे?
  • आकाश किसी वाहन की चपेट में आए? या फिर उनके साथ किसी ने कोई घटना की?

 

कई पहलुओं पर हो रही जांच

एसीपी कोतवाली डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि आकाश की मौत के मामले में कई पहलुओं पर जांच की जा रही है। उसके साथ किसी ने कोई घटना तो नहीं की? इसको लेकर भी पुलिस पड़ताल में जुटी है। परिवार के लोगों से पूछताछ की गई है। आकाश 30 दिसंबर को थाना कोतवाली आया था। वह परेशान था। परिवार के लोगों से विवाद हुआ था। इस पर उसकी काउंसिलिंग की गई थी। उसे बहनोई की सुपुर्दगी में दिया गया था। ऐसा क्या हुआ? जो वह घर से निकला, पैदल घूमता रहा?

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