आगरा नगर निगम से लेकर नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष और मेयर से लेकर पार्षदों के वार्डों की व्यूह रचना भाजपा विधायक करेंगे। संगठन की बिसात पर एक राय होकर लक्ष्य पूर्ति की कवायद होगी। जिसकी बिसात बिछ गई है। आरक्षण पर आपत्तियों व दावों के निस्तारण का इंतजार है। जिसके बाद प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू होगी।
नगर निगम में 100 वार्ड हैं। छह बार से भाजपा का मेयर है। उधर, सात नगर पंचायत एवं पांच नगर पालिका अध्यक्ष चुने जाएंगे। इधर, जिले में नौ विधायक, तीन सांसद के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर एमएलसी तक भाजपा के पास कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज है। ऐसे में मुख्य फोकस नगर निगम मेयर और अध्यक्ष के 12 पदों पर रहेगा।
मेयर की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गई है। अनुसूचित जाति की आगरा शहर की लोकसभा सीट पर भाजपा काबिज है। निकाय चुनावों में कमल खिलाने का दारोमदार विधायकों के कंधों पर होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधायकों को निकाय चुनाव में जुटने का निर्देश दे चुके हैं। संगठन भी कमर कस चुका है।
बूथ स्तर पर विधायक सक्रिय
नगर निगम में मेयर संग 75 पार्षद का लक्ष्य है। प्रत्याशियों के चयन से लेकर वार्ड में बूथ स्तर पर विधायक सक्रिय रहेंगे। संगठन का कैडर ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। मंडल से लेकर महानगर तक सक्रिय लोगों से रायशुमारी हो रही है। दूसरी तरफ भाजपा का मुकाबला सपा, बसपा और कांग्रेस के अलावा नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी से होगा।
दावेदार भी गणेश परिक्रमा में जुटे हैं। एक वार्ड में समीकरण बनाए जा रहे हैं। गोटियां सेट की जा रही हैं। ऐसे में इस बार नगर निगम चुनाव दिलचस्प हो सकता है। आरक्षण पर आपत्तियां व दावों का निस्तारण होने के बाद निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
चयन में रहेगी भूमिका
फतेहपुर सीकरी से भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल ने बताया कि प्रत्याशियों के चयन से लेकर रणनीति में पूरी भूमिका रहेगी। भाजपा के अधिक से अधिक प्रत्याशियों को जिताना है। पूरा संगठन मिलकर काम करेगा।
गंभीरता से लड़ेंगे चुनाव
आगरा छावनी के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा कि निकाय चुनाव को पूरी गंभीरता से लड़ा जाएगा। ज्यादा से ज्यादा पार्षद जिताने हैं। आरक्षण पर आपित्त व दावों के निस्तारण के बाद रणनीति बनाई जाएगी।
मेयर संग 75 पार्षद का लक्ष्य
आगरा उत्तर के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि नगर निगम में मेयर फिर भाजपा का बनाना है। 75 पार्षद इस बार जिताने हैं। पार्टी का हर छोटा-बड़ा कार्यकर्ता मिलकर काम करेगा। संगठन सर्वोपरि है।
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आगरा नगर निगम से लेकर नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष और मेयर से लेकर पार्षदों के वार्डों की व्यूह रचना भाजपा विधायक करेंगे। संगठन की बिसात पर एक राय होकर लक्ष्य पूर्ति की कवायद होगी। जिसकी बिसात बिछ गई है। आरक्षण पर आपत्तियों व दावों के निस्तारण का इंतजार है। जिसके बाद प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू होगी।
नगर निगम में 100 वार्ड हैं। छह बार से भाजपा का मेयर है। उधर, सात नगर पंचायत एवं पांच नगर पालिका अध्यक्ष चुने जाएंगे। इधर, जिले में नौ विधायक, तीन सांसद के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर एमएलसी तक भाजपा के पास कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज है। ऐसे में मुख्य फोकस नगर निगम मेयर और अध्यक्ष के 12 पदों पर रहेगा।
मेयर की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गई है। अनुसूचित जाति की आगरा शहर की लोकसभा सीट पर भाजपा काबिज है। निकाय चुनावों में कमल खिलाने का दारोमदार विधायकों के कंधों पर होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधायकों को निकाय चुनाव में जुटने का निर्देश दे चुके हैं। संगठन भी कमर कस चुका है।