Aditya L1: ISRO आज रचेगा इतिहास, भोपाल में यहां देख सकते हैं फ्री लाइव स्ट्रीमिंग

विनय अग्निहोत्री/भोपाल. चंद्रयान-3 की सफलता को देखते हुए भारत ने सूर्य मिशन आदित्य – एल 1 लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली है. रीजनल साइंस सेंटर के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर साकेत सिंह ने बताया कि आदित्य- एल 1 के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती आज से शुरू होगी. दो सितंबर को सुबह 11.50 में आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ये लॉन्च किया जाएगा.

रीजनल साइंस सेंटर भोपाल के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर साकेत सिंह ने बताया कि हमारे इस केंद्र में आदित्य वन की लाइव स्ट्रीमिंग दिखाई जाएगी. इसके लिए लोगों को किसी भी प्रकार की फीस देने की आवश्यकता नहीं है. यह पूरी तरह से निशुल्क है. यहां पर लोग आदित्य एल 1से जुड़ी जानकारियां भी प्राप्त कर सकते हैं 4 महीने बाद जब यह सफलतापूर्वक सूर्य की कक्षा में पहुंचेगा तो हमें इससे क्या-क्या जानकारियां मिलेंगी तो लोग यहां पर जानकारियां ले सकते हैं.

15 लाख km की दूरी तय करेगा आदित्य- एल 1
जानकारी के अनुसार, आदित्य- एल 1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य – पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए बनाया गया है. एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर हैं.

उन्होंने कहा कि आदित्य एल-1 को लैग्रेंज प्वाइंट 1 की तरफ भेजा जाएगा. इसमें 120 दिन का समय लगेगा. बता दें पृथ्वी से सूर्य की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है. इस बीच में ही लैग्रेंज प्वाइंट 1 पड़ता है.

कब लॉन्च होगा भारत का पहला सूर्य मिशन?
आदित्य-एल1 के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुक्रवार को शुरू होगी. इसके बाद दो सितंबर को सुबह 11.50 बजे यह मिशन आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा.

इस मिशन से क्या फायदा होगा ?
इसरो के मुताबिक, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है. यह तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है. इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी. हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी दूर है. आदित्य एल 1 वैसे तो इस दूरी का महज एक प्रतिशत ही तय कर रहा है, लेकिन इतनी सी दूरी तय करके भी यह सूर्य के बारे में हमें ऐसी कई जानकारियां देगा, जो पृथ्वी से पता करना संभव नहीं होता.

L1 पॉइंट पर चार महीने बाद पहुंचेगा यान2 सितंबर को लॉन्चिंग के बाद इसरो का स्‍पेसक्राफ्ट L1 पॉइंट तक की यात्रा तय करेगा. इस यात्रा को तय करने में इसे 4 महीने का समय लगेगा. दरअसल धरती से सूरज की दूरी तकरीबन 15 करोड़ किलोमीटर है. इस दूरी के बीच पांच लैग्रेंज पॉइंट्स हैं. इन्‍हें L1, L2, L3, L4 और L5 पॉइंट के नाम से जाना जाता है. L1 इसका पहला पॉइंट है, जो धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है. इस जगह से सूर्य पर 24 घंटे नजर रखी जा सकती है. L1 पॉइंट को लैग्रेंजियन पॉइंट, लैग्रेंज पॉइंट, लिबरेशन पॉइंट या एल-पॉइंट के तौर पर जाना जाता है. आपको अंत में बताते चलें कि यह यान पूरी तरह से स्वदेशी है. 7 भारतीय कंपनियों ने इसे मिलकर बनाया है.

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