हाइलाइट्स
गुरुग्राम के एक एसीपी ने जज के समक्ष पेश होते वक्त ठीक से उन्हें सैल्यूट नहीं किया था.
जज साहब इतने वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बरती जा रही लापरवाही से खासे नाराज थे.
नई दिल्ली. गुरुग्राम की एक अदालत ने पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वह पेशी के दौरान न्यायाधीश को ठीक से सलामी नहीं देने वाले एसीपी के खिलाफ कार्रवाई करें. पुलिस ने बुधवार को बताया कि इस मामले की जांच पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) करण गोयल को सौंपी गई है. पुलिस के मुताबिक एसीपी नवीन शर्मा और उनकी टीम धोखाधड़ी के मामले में एक आरोपी को पेश करने के लिए न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) विक्रांत की अदालत में गई थी.
एसीपी ने क्या बनाया बहाना!
पुलिस ने बताया कि अदालत ने प्रकरण में आदेश पारित किया, जिसमें एसीपी की सलामी का भी उल्लेख है और पुलिस आयुक्त से मामले में कार्रवाई करने को कहा गया है. आदेश में कहा गया, ‘‘जैसे ही आदेश पारित हुआ, जांच अधिकारी एसीपी नवीन ने सिर्फ अपना हाथ उठाकर और दो उंगलियों से माथे को छूकर अनुचित तरीके से बेंच को सलामी दी.’’ आदेश में उल्लेख है कि सलामी के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि उन्होंने ‘‘तीन तरह की सलामी सीखी है, यानी सिर्फ कोहनी उठाना, माथे को छूना और फिर उचित सलामी देना.’’
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पुलिस आयुक्त को दिया ये निर्देश
अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि, उन्हें तुरंत एहसास हुआ कि अदालत चुटकुले सुनाने की जगह नहीं है और फिर उन्होंने बहाना बनाया कि उन्होंने तंग कमीज पहनी हुई थी, इसलिए आसन को सलामी देते वक्त सहज नहीं थे.’’ अदालत ने कहा कि 2010 में हरियाणा पुलिस में शामिल किए गए एसीपी का आचरण ‘प्रोटोकॉल’ और नियमों के खिलाफ है. आदेश में पुलिस आयुक्त को पंजाब पुलिस नियमावली के तहत अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया गया. जांच प्रभारी गोयल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही एक रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : February 29, 2024, 06:34 IST