‘AAP का किरदार हुआ तार-तार’, BJP बोली- प्रयोगात्मक राजनीति के परिणाम देश के लिए हो सकते हैं खतरनाक

Sudhanshu Trivedi

ANI

भाजपा नेता ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार अब एक आम बात होती चली जा रही है। उनके बारे में नित नए खुलासे होना भी अब आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि संजय सिंह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं; वह एक संसदीय समिति के नेता हैं।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद जमकर राजनीति भी हो रही है। भाजपा आम आदमी पार्टी और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर हमलावर है। भाजपा सांसद और पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक बार फिर से आप पर निशाना साधा है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अपने आप को कट्टर ईमानदार होने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी का किरदार अब तार-तार होकर जनता के सामने आ रहा है। पहले उनकी सरकार के एक मंत्री सतेंद्र जैन, भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए, जिन्हें न्यायालय से जमानत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि फिर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल गए। अब आप के संसदीय दल के नेता संजय सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में रिमांड पर हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार अब एक आम बात होती चली जा रही है। उनके बारे में नित नए खुलासे होना भी अब आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि संजय सिंह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं; वह एक संसदीय समिति के नेता हैं। यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार आम आदमी पार्टी के लिए नया मानदंड बन गया है। उन्होंने कहा कि साक्ष्य यह आए हैं कि शराब पॉलिसी में बदलाव इस आधार पर किया गया है और यह बदलाव नीतिगत है। इसका मतलब यह है कि पूरी पार्टी इसमें शामिल है। यह शराब का घोटाला तो इनके लिए ऐसा बनता जा रहा है कि जैसे ही इन्होंने ये पॉलिसी वापस की, उसके बाद से ही ये दलदल में धंसते जा रहे हैं।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कल अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अदालत ने प्रथम दृष्टया यह विचार किया है और यह माना है कि यह कहीं से भी यह नहीं दर्शाता है कि वर्तमान मामले में गिरफ्तारी अनापेक्षित या अनावश्यक है यानि कि गिरफ्तारी पूर्ण रूप से उचित है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि यह देश में उन लोगों के लिए विचार का भोजन है जो प्रयोगात्मक राजनीति की बात करते हैं… यह प्रयोगात्मक राजनीति का समय नहीं है… प्रयोगात्मक राजनीति के परिणाम देश के लिए खतरनाक हो सकते हैं। अन्ना आंदोलन से निकले आम आदमी पार्टी के चरित्र ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 

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