India-Maldives Relations: भारत और मालदीव के बीच रविवार को अहम बैठक हुई. इसमें मालदीव से भारतीय सैनिकों की जगह सिविलकर्मियों की तैनाती को लेकर समीक्षा की गई. मालदीव ने कहा कि दूसरा ग्रुप 10 अप्रैल तक रवाना हो जाएगा. माले में दोनों पक्षों ने हाई लेवल कोर ग्रुप की तीसरी बैठक में मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी को लेकर समीक्षा की. सैन्यकर्मियों की जगह सिविल टेक्निकल एक्सपर्ट ने ले ली है. भारतीय कर्मी मालदीव में तीन एविएशन प्लेटफार्म ऑपरेट रहे हैं और भारत अब उन्हें ऑपरेट करने के लिए सिविल कर्मचारियों की तैनात कर रहा है.
10 मार्च की थी डेडलाइन
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले ग्रुप की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की थी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान कहा, ‘बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने मालदीव के लोगों को मानवीय और डॉक्टरी निकासी सेवाएं देने वाले भारतीय हेलीकॉप्टर के लगातार ऑपरेशन के लिए भारतीय तकनीकी कर्मचारियों की जारी डेप्युटेशन की समीक्षा की.’
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने मालदीव में विमानन प्लेटफार्म पर भारतीय सैन्य कर्मियों को असैन्य कर्मियों से बदलने में हुए काम पर गौर किया. उसने कहा, ‘आज की तारीख तक, ऐसे एक प्लेटफार्म पर सैन्य कर्मियों को असैन्य कर्मियों से बदल दिया गया है और बाकी को 10 अप्रैल और 10 मई को असैन्य कर्मियों से बदल दिया जाएगा.’
दोनों पक्षों में क्या हुई बातचीत
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इसमें अन्य बातों के साथ-साथ संयुक्त निगरानी तंत्र के लगातार आयोजन से जारी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन सिस्टम के एग्जीक्यूशन में तेजी लाना, कारोबार और निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश और क्षमता निर्माण के अलावा यात्रा के जरिए दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है.’ इस बात पर सहमति बनी कि हाईलेवल कोर ग्रुप की अगली बैठक किसी तारीख पर भारत में होगी.
भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के मुद्दे के निपटारे के लिए गठित हाई लेवल कोर ग्रुप की दूसरी बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत 10 मई तक दो चरणों में अपने सभी सैन्य कर्मियों को असैन्य कर्मियों से बदल देगा. कोर समूह की दूसरी बैठक दो फरवरी को भारत में हुई थी.
मोइज्जू के सत्ता संभालने के बाद आया रिश्तों में तनाव
दिसंबर में दुबई में सीओपी-28 शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच एक बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कोर ग्रुप बनाने का फैसला लिया था. नवंबर में मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में कुछ तनाव आ गया. चीन समर्थक नेता मुइज्जू ने देश के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे.