बीते 25 बरसों से रूस की राजनीति में एक ही नाम व्लादिमीर पुतिन का गूंज रहा है। प्रधानमंत्री पद हो या राष्ट्रपति सब की जिम्मेदारी पुतिन निभा चुके हैं। 15 मार्च से रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुरू हुई वोटिंग 17 मार्च तक चलेगी। नतीजा आने में अभी एक दिन का वक्त बाकी है लेकिन उससे पहले ही पुतिन की जीत तय मानी जा रही है। पुतिन के खिलाफ तीन उम्मीदवारों ने पर्चा भरा। मगर वे कठपुतली भर है। लेकिन एक और खास बात ये है कि रूस के लोग जहां-जहां दुनियाभर में हैं वो भी अपना वोट डाल रहे हैं। इसी कड़ी में भारत के राज्य केरल में भी इसको लेकर वोटिंग हुई है।
60 रूसी नागरिकों ने वोट डाला
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 14 मार्च को राज्य में बसे लगभग 60 रूसियों और पर्यटकों ने तिरुवनंतपुरम में रूसी संघ के मानद वाणिज्य दूतावास, रूसी हाउस में विशेष रूप से व्यवस्थित बूथ पर रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना अग्रिम वोट डाला। ये मतदाता ज्यादातर एर्नाकुलम, वर्कला और कोवलम से चुनाव में भाग लेने आए थे। मतदान की सुविधा न केवल रूसी सदन में बल्कि दिल्ली में रूसी दूतावास और चेन्नई, मुंबई, कलकत्ता, गोवा और कुडनकुलम जैसे शहरों में वाणिज्य दूतावासों सहित देश भर के विभिन्न राजनयिक मिशनों में भी की गई है। तिरुवनंतपुरम में मतदान प्रक्रिया में पारंपरिक कागजी मतपत्रों का उपयोग किया गया, पूर्ण मतपत्र चेन्नई से राजनयिक चैनल के माध्यम से मास्को वापस भेजे गए, जिनकी गिनती 17 मार्च को रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अंतिम चरण के मतदान के समाप्त होने के बाद की जाएगी।
वाणिज्य दूतावास ने की वोटिंग की मेजबानी
यह तीसरी बार है जब रूसी संघ का वाणिज्य दूतावास रूसी राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान की मेजबानी कर रहा है, रूस के मानद वाणिज्य दूत और तिरुवनंतपुरम में रूसी सदन के निदेशक रथीश नायर ने एएनआई को बताया उन्होंने केरल में मतदान प्रक्रिया में रूसी नागरिकों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इससे पहले, रूसी राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए दो बार मतदान कराया गया था। साथ ही इस बार मतदाताओं की संख्या उम्मीदों से कहीं अधिक है।