निशा राठौड़/उदयपुर: एक पौधे की टहनियों पर अलग-अलग रंग के फूल, ये सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन सच है. इस काम को कर दिखाया है बेदला गांव की छात्रा पूजा टाक ने. जिसने पौधों पर प्रयोग करने में सफलता हासिल की है. पूजा के मन में पेड़-पौधों को लेकर कुछ नया करने की सोच थी. इसी को लेकर वो आगे बढ़ी और प्रशिक्षण प्राप्त कर उसने इसमें महारत हासिल की. उन्होंने पोस्ट स्नातकोत्तर तक पढ़ाई उदयपुर से की. इनके पिता के पास 1.0 बीघा जमीन है, जो सिंचित है. पूजा ने फूलों के पौधों पर ग्राफ्टिंग शुरू की और देखते ही देखते एक पौधे की अलग-अलग टहनियों पर अलग-अलग रंग के फूल आने शुरू हो गए.
बता दें कि पूजा के एक नर्सरी चलाते हैं. जिस कारण पूजा के भी इस क्षेत्र में रुचि बढ़ गई. उन्होंने 2020 में विद्या भवन कृषि विज्ञान केंद्र उदयपुर से सम्पर्क किया. यहां पूजा ने विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र उदयपुर द्वारा संचालित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान आर्या परियोजना के अन्तर्गत नर्सरी प्रबंधन पर प्रशिक्षण लिया.
ऐसे तैयार किए एडेनियम के पौधे
पूजा अपनी नर्सरी से एक ही पौधे पर अलग-अलग रंग के पौधों एवं बीजों का संग्रह करती है. वह इनकी ग्राफ्टिंग कर उनसे एडेनियम के पौधे तैयार करती है.पूजा ने बताया की उन्होंने विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र से 21 दिन का व्यावसायिक प्रशिक्षण लिया. इसके बाद एडेनियम के पौधे पर काम किया और सफलता हासिल की है. पूजा की तरह ही अन्य युवा भी नर्सरी में अलग-अलग काम करके अधिक लाभ कमा सकते हैं. गांव में युवा रुकेंगे तो खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.
पौधों की कीमत 200 से 800 रुपए तक
पूजा ने एडेनियम के पौधों की टहनियों की ग्राफ्टिंग कर अलग-अलग रंग के फूल व आकार तैयार करने में कौशल दक्षता हासिल की है. वह आवश्यकता के अनुसार रंग व आकार के पौधे उपलब्ध करवाती है. इन पौधों का बाजार मूल्य प्रति पौधा 200 से 800 रुपए है जो पूजा उदयपुर की नर्सरियों को उपलब्ध कराती है. पूजा अपनी मेहनत के बल पर नर्सरी से एडेनियम व सजावटी पौधे बेचकर सालाना 3.00 से 3.50 लाख रुपए कमा रही है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 12:25 IST