आशुतोष तिवारी/रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है. ठंडी हवा, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने तेवर दिखाया है. तेज मूसलाधार बारिश के साथ जिले के अधिकांश हिस्सों में ओले गिरे हैं. शहरी इलाके के अलावा जिले के तराई अंचल से भी ओलावृष्टि की खबरें सामने आ रही हैं. ओलावृष्टि की वजह किसानों की फसल तबाह होने का अनुमान है.
मौसम विभाग ने पहले ही अंदेशा जताया था कि मध्य प्रदेश और भूमध्य सागर के बीच बनी ट्रफ लाइन की वजह से बारिश हो सकती है. विभाग ने सागर, शहडोल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, भोपाल, चंबल, रीवा संभाग में बारिश का अनुमान जताया था. अनुमान के मुताबिक, रीवा के तराई अंचल सहित नईगढ़ी, मऊगंज, गुढ़ और शहरी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के साथ-साथ जम कर ओले भी गिरे.
ओले गिरने से फसल तबाह
नईगढ़ी के किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हुई हैं. जिला मुख्यालय से दूर 38 किलोमीटर की दूरी पर सिरमौर तहसील अंतर्गत अतरैला, डभौरा के किसानों का भी बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है. नईगढ़ी के किसान प्रियेष पांडे ने बताया कि दोपहर 12 से 2 बजे तक रुक-रुक कर बारिश होती रही. उसके बाद शाम को तेज मूसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि से नईगढ़ी के किसान भी नहीं बच पाए.
इन फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान
नईगढ़ी के किसान प्रियेष पांडे ने बताया कि सबसे ज्यादा दलहनी फसलों को नुकसान हुआ है. हालांकि, ओलावृष्टि से गेहूं की खेती भी प्रभावित हुई है. अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से मुख्य रूप से चना, मटर, मसूर की खेती को नुकसान हुआ है. इसके अलावा गेहूं, तिलहन, अलसी और सरसों को भी नुकसान हुआ है. यहां के किसानों का कितना नुकसान हुआ है. इसका अंदाजा सर्वे के बाद ही लगाया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : March 4, 2024, 09:38 IST