ऋतु राज/मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के रेल एसपी डॉ. कुमार आशीष को गृहमंत्री सर्वोत्कृष्ट अनुसंधान पदक से नवाजा गया है. यह पदक उन्हें डीजीपी आरएस भट्टी ने पटना स्थित बिहार पुलिस मुख्यालय में दिया है. बताया गया कि यह बिहार का पहला गृह मंत्री अनुसंधान पदक है.
लोकल 18 से बात करते हुए रेल एसपी IPS कुमार आशीष ने बताया कि वर्ष 2019 में जब वे किशनगंज में बतौर एसपी तैनात थे. उस समय कोढ़ोबाड़ी में एक सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी. इस मामले में 5 आरोपियों को मात्र 30 घंटे में गिरफ्तार किया. साथ ही निर्धारित समय में चार्जशीट भी दाखिल की थी. 8 महीने तक चले स्पीडी ट्रायल के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस कारण इन्हें यह पुरस्कार दिया गया है.
पिता को बंधक बनाकर बेटी से किया था गैंगरेप
बताया जाता है कि कोढ़ोबाड़ी थाना क्षेत्र में 12 फरवरी, 2019 को सात लोगों ने एक लाचार पिता को बंधक बना लिया. और उनके सामने ही उनकी बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया. इस हृदय विदारक घटना ने जिले की पुलिस को झकझोर कर रख दिया था. मामला संज्ञान में आते ही तत्कालीन एसपी डॉ. कुमार आशीष के निर्देश पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए SIT का गठन किया गया. इस टीम ने मात्र 30 घंटे के अंदर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जबकि पुलिस की छापेमारी से घबराकर 2 आरोपियों ने स्थानीय कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया.
साइंटिफिक तरीके से की गई थी जांच
इस मामले की जांच पुलिस ने साइंटिफिक तरीके से की थी. पुलिस की सोच थी कि चार्जशीट में ऐसी कोई कमी न रह जाए, जिससे आरोपियों को उसका लाभ मिले. यही कारण रहा कि स्पीडी ट्रायल के दौरान एडीजे प्रथम सुजीत कुमार सिंह की कोर्ट ने पुलिस की जांच को सही माना और तीन अक्टूबर 2019 को सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. अभी मुजफ्फरपुर में रेल एसपी के तौर पर तैनात डॉ. आशीष बताते हैं कि पुलिस की नौकरी में हर दिन चैलेंज आते रहते हैं. इन सबके बीच पीड़ितों को न्याय दिलाना ही प्राथमिकता रहती है.
.
Tags: Local18, Muzaffarpur news
FIRST PUBLISHED : February 29, 2024, 17:34 IST