Delhi Airport: 11 अप्रैल 2023 की मध्य रात्रि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन ऑफिसर मनोज कुमार के सामने खड़े 22 वर्षीय वंश पर मलेशिया में गैर कानूनी तरीके से घुसने और अवैध रूप से रहने का आरोप था. इन्हीं आरोपों की वजह से वंश को इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-1054 से डिपोर्ट कर दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट भेज दिया गया था. आरोपी वंश कुछ ही महीनों पहले बेंगलुरु एयरपोर्ट से टूरिस्ट वीजा पर फ्लाइट नंबर 6E-075 से थाईलैंड के लिए रवाना हुआ.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, आरोपी वंश को आईपीसी धारा 420/468/471 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत गिरफ्तार किया गया था. आरोपी वंश ने पूछताछ में बताया कि रितेश नाम के एक एजेंट ने 12 लाख रुपयों के बदले न केवल ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा किया था, बल्कि थाईलैंड से मलेशिया में अवैध प्रवेश की व्यवस्था भी की थी. आरोपी वंश के खुलासे के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने सोनीपत (हरियाणा) के अंतर्गत आने वाले कामी गांव में छापेमारी की.
उन्होंने बताया कि वंश की गिरफ्तारी की बात पता चलते ही रितेश फरार हो गया. तमाम कोशिशों के बावजूद रितेश पुलिस की गिरफ्त के बाहर रहा. करीब एक साल के इंतजार के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को पता चला कि रितेश इन दिनों मुंबई में छिपा हुआ है. रितेश की गिरफ्तारी के लिए एसएचओ विजेंदर राणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर अमित राणा और एएसआई प्रदीप शामिल भी शामिल थे. पुलिस टीम ने छापेमारी कर एजेंट रितेश को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया.
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मलेशिया के एक होटल में काम करता है आरोपी रितेश
डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, पूछताछ में आरोपी रितेश ने अपना अपराध कबूल कर लिया. उसने बताया कि उसने 11वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. फिलहाल वह मलेशिया में एक होटल में काम करता है. अपने जीवन लग्जरी लाइफ स्टाइल के लिए पहले टूरिस्ट वीजा पर कई देशों की यात्रा की. इसके बाद, मलेशिया के रहकर एक होटल में काम करने लगा. इसी दौरान, वह कुछ अन्य एजेंटों के संपर्क में आया और विदेश भेजने के नाम पर लोगों को ठगना शुरू कर दिया. आरोपी रितेश ने इस मामले में अपनी संलिप्तता कबूल की है.
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ऑस्ट्रेलिया पहुंचने से पहले वंश से हपड़े गए ₹13 लाख
पूछताछ में रितेश ने खुलासा किया कि उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वंश को अवैध तरीके से मलेशिया में प्रवेश कराया था. उन्होंने वंश के पासपोर्ट पर नकली मलेशियाई और थाई इमीग्रेशन स्टैंप भी लगाई थी. इस काम के एवज में पहले 10 लाख रुपये और बाद में 3 लाख रुपये उसके बैंक खाते में मिले थे. बाकी बची राशि का भुगतान ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद किया जाना था. उसने बताया कि आसानी से पैसा कमाने और लग्जरी लाइफ स्टाइल के लिए उसने अपने सहयोगियों के साथ लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया था.
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मलेशिया की साजिश को सोनीपत में दिया गया अंजाम
आरोपी रितेश ने बताया कि इसी कड़ी में उसकी नजर उसके ही गांव कामी में रहने वाले वंश पर पड़ी. रितेश को पता चला कि वंश किसी भी कीमत में ऑस्ट्रेलिया जाना जाहता है. बस इसी बात का फायदा उठाते हुए उसने वंश को अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया. रितेश ने वंश को किस तरह जाल में फंसाया और फिर किस तरह बैंकॉक में उसका काम तमाम किया, जानने के लिए ‘ऑस्ट्रेलिया में मिली नौकरी, खुशी-खुशी पहुंचा एयरपोर्ट, दोस्त के धोखे ने बदली किस्मत’ पर क्लिक करें.
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FIRST PUBLISHED : February 28, 2024, 07:16 IST