वो दिन जब 10-15 किलोमीटर चलने में बीत जाता था प्रहर, शाम होते ही थम जाते थे पहिए

आकाश कुमार/जमशेदपुर. लोग एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए कई सारे साधन का इस्तेमाल करते हैं. आज के दिन में देखा जाए तो लोगों के पास यात्रा करने के कई सारे विकल्प हैं. रोड रेल हवाई जहाज अथवा बोट और स्टीमर भी मौजूद है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से करीब 40- 50 वर्ष पहले लोग एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए कौन से साधन का इस्तेमाल करते थे. 63 वर्ष के विशेश्वर बता रहे हैं पुराने समय के यात्रा के साधनों के बारे में.

विशेश्वर ने बताया कि करीब 40- 50 वर्ष पहले लोगों के पास ज्यादा साधन नहीं हुआ करता थे. मात्र पूरे दिन में एक या दो बस चलती थी. उसके बाद कोई भी बस नहीं चलती थी. रोड की बात करें तो कच्ची रोड हुआ करती थी और रास्ता भी चौड़े नहीं थे. कुछ ही दूरी तय करने में 4 से 5 घंटा लग जाता था.

बैलगाड़ी का होता था इस्तेमाल
बस के अलावा सामान को ले जाने के लिए बैलगाड़ी का इस्तेमाल होता था और उसके अलावा लोग हाथ रिक्शा का भी इस्तेमाल किया करते थे और कोई खास पैसे वाले लोग होते थे तो उनके पास एंबेसडर कार हुआ करता था. जो कि उस जमाने में मंत्री या विधायक, इसके अलावा बिजनेसमैन के पास हुआ करती थी.

ट्रेन से भी लोग आना-जाना किया करते थे. लेकिन वह कोयला वाली ट्रेन हुआ करता थी. जिसके कारण ट्रेन की चाल भी काफी धीमी थी कुल मिलाकर यह बात थी कि लोग पहले जमाने में काफी सोच विचार करके ही अपने गांव घर से कहीं दूर जाते थे. लेकिन आज के जमाने में साधन काफी ज्यादा हो गए हैं और रास्ते भी एकदम से चकाचक हो गए हैं. रास्ते अच्छे होने के कारण यात्रा काफी सुगम हो गई.

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