अब स्कैन करते ही मिलेगी पेड़-पौधों की पूरी जानकारी, अल्मोड़ा की ये तकनीक क्यों है चर्चा में…

रोहित भट्ट/ अल्मोड़ा:  अक्सर जब हम घूमने-फिरने जाते हैं तो इस दौरान कई ऐसे पेड़-पौधे दिखते हैं, जिनकी जानकारी हमें नहीं होती है. लेकिन, उनके बारे में जाने को लेकर हम उत्सुक जरूर रहते हैं. अब यह आसान होता हुआ नजर आ रहा है. क्योंकि, उत्तराखंड के अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर (SSJ Almora) के वनस्पति विज्ञान विभाग ने इसे आसान बन दिया है.अब QR कोड स्कैन करने से पेड़ पौधों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी. परिसर के बॉटनी गार्डन में पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं. इसमें 50 से ज्यादा पेड़ों की जानकारी कोड स्कैन करते ही आपके फोन पर आ जाएगी. भविष्य में शहर के पर्यटन स्थलों और मंदिरों के आसपास के पेड़-पौधों पर भी इस तरह के क्यूआर कोड लगाए जाएंगे.

SSJ परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर धनी आर्या ने लोकल 18 को बताया कि उन्होंने कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट की प्रेरणा से यह पहल की है. QR कोड स्कैन के माध्यम से पेड़-पौधे की जानकारी अब आपके फोन पर उपलब्ध हो जाएगी. इससे पहले तक लोगों को विशेषज्ञ से किसी पेड़ आदि की जानकारी लेनी पड़ती थी. अब मोबाइल में सिर्फ स्कैन करने से ही पेड़ पौधे की पूरी जानकारी निकल जाएगी. वर्तमान में इसकी शुरुआत वनस्पति विज्ञान विभाग के गार्डन से हुई है. अगर पर्यटन विभाग या वन विभाग उनको आर्थिक रूप से मदद करेगा तो वे लोग अल्मोड़ा के जो पर्यटक स्थल और धार्मिक स्थल हैं, उनके आसपास पेड़-पौधों पर स्कैनर लगाएंगे. इससे बाहर से आने वाले पर्यटक आसानी से पेड़ पौधों की जानकारी ले सकेंगे.

विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव
वनस्पति विज्ञान विभाग के गार्डन में करीब 50 से भी ज्यादा औषधीय पौधों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं. भविष्य में यहां मिलने वाले तुलसी, बुरांश, रोजमेरी, सिकोया उतीस, बेलपत्र, एलोवेरा, पीपल, गुड़हल चौड़े, तिमूर, जिंको बाइलोबा, साइकस, टैक्सस, तेजपत्ता आदि पौधों की करीब 300 दुर्लभ प्रजातियों पर उनसे संबंधित जानकारी के लिए क्यूआर कोड लगाए जाएंगे. इसके लिए विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है. स्वीकृति मिलने पर इन पौधों का संरक्षण होने के साथ ही पर्यटक इनके महत्व को जान सकेंगे.

Tags: Almora News, Local18

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