ग्वालियर. मध्य प्रदेश में गिद्धों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है. वन्य प्राणी विशेषज्ञ गौरव परिहार का कहना है कि मध्य प्रदेश के साथ ही ग्वालियर चंबल संभाग में भी गिद्धों की संख्या बढ़ रही है. एक समय था जब इनकी संख्या लगातार घट रही थी. वन विभाग की गणना में भी सामने आ गया है कि गिद्धों का कुनबा बढ़ा है. पहले गिद्ध कभी नजर नहीं आते थे, लेकिन अब आसानी से शहरी क्षेत्र में भी गिद्ध नजर आ रहे हैं. खुशी की बात यह भी है कि हिमालय से माइग्रेट करके आने वाले हिमालयन वल्चर भी देखे गए हैं.
हिमालयन वल्चर की संख्या भी इस अंचल में बढ़ी है. वन्य प्राणी विशेषज्ञ गौरव परिहार का कहना है कि गिद्धों की संख्या बढ़ रही है. उनके बच्चे सरवाइव कर रहे हैं, तो यह एक सुखद संदेश है कि हमारा पर्यावरण सुद्रण हो रहा है.
क्यों जरूरी हैं गिद्ध
हमारे इकोसिस्टम के लिए गिद्ध बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसको लेकर गौरव परिहार ने बताया है कि यह प्रकृति के सफाई कर्मचारी हैं. प्रकृति में जो भी सड़ा गला डेड एनिमल, जैविक कचरा होता है उसकी सफाई का काम यह वल्चर करते हैं. अगर यह नहीं होंगे तो कई तरह के वाइरस और बीमारियां फैलेंगी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ रही है तो कई तरह की बीमारी और वायरस से लोगों को मुक्ति मिलेगी.
एक नजर आंकड़ों पर
प्रथम चरण में 16 से 18 फरवरी को हुई गिद्ध गणना 2023-24
भारत में 9 और मध्य प्रदेश में 7 प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं
इनमें चार स्थानीय और तीन प्रवासी गिद्ध होते हैं जो सर्दी के बाद चले जाते हैं
गिद्धों की संख्या में अब मध्य प्रदेश हुआ अव्वल
टाइगर रिजर्व ,सेंचुरी सहित चिन्हित स्थानों पर हुई गणना
प्रदेश में गिद्धों की संख्या 10000 के पार हुई
साल 2021 की गिद्ध गणना में प्रदेश में 9446 संख्या पाई गई थी
गिद्ध गणना 2023-24 मेंवन व्रत ग्वालियर संभाग के पांच मंडलों में ही गिद्धों की संख्या 641 मिली
अंचल के ग्वालियर भिंड मुरैना दतिया और शिवपुरी के जंगलों में 124 घर यानी घोसले मिले
ग्वालियर शहर की किला तलहटी में भी सबसे ज्यादा गिद्ध देखे गए
ग्वालियर जिले में ही संख्या 162 से बढ़कर 337 पर पहुंची
ग्वालियर के तिघरा रेंज में सबसे ज्यादा 168 गिद्ध मिले
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FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 12:32 IST