
रतन प्रेम डीएवी बालिका इंटर कॉलेज से यूपी बोर्ड कक्षा 10 हिंदी का पेपर का मिलान करती छात्राएं
– फोटो : संवाद
विस्तार
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो गई हैं। नकल के लिए बदनाम रहे अलीगढ़ जिले में पहले दिन दस हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। खास बात यह है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की हिंदी विषय की परीक्षा थी। अब इसे सख्ती का असर कहा जाए या फिर विद्यार्थियों की हिंदी विषय के प्रति बढ़ती दूरी। वहीं, परीक्षा की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की गई।
जिलाधिकारी ने पहली पाली के परीक्षा इंतजाम नौरंगीलाल इंटर कॉलेज में बने कंट्रोल रूम में पहुंचकर देखे और जानकारियां जुटाईं। शाम की पाली के बाद कंट्रोल रूम में रिपोर्ट देरी से पहुंचने की समस्या आई। इसको लेकर स्टाफ परेशान नजर आया। कुल मिलाकर पहले दिन की परीक्षा सकुशल संपन्न हुई।
जिले में 151 केंद्रों पर यूपी बोर्ड की परीक्षा हो रही है। जिले भर में 21 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पहले दिन सुबह की पाली में दसवीं की हिंदी व बारहवीं की सैन्य विज्ञान की परीक्षा रही। सुबह की पाली में दसवीं के 5639 और बारहवीं के 27 छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। शाम की पाली में बारहवीं की हिंदी व दसवीं की वाणिज्य विषय की परीक्षा हुई। शाम की पाली में बारहवीं के 4586 व दसवीं के 37 विद्यार्थियों ने परीक्षा से किनारा कर लिया। इस तरह कुल 10289 छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी।
जिले में एक लाख से अधिक परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हुए हैं। पहले दिन दस हजार से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा हिंदी की परीक्षा छोड़ा जाना बड़ा विषय है। इसको लेकर एक बात सामने आ रही है कि नकल पर सीसीटीवी कैमरों का शिकंजा काम कर रहा है। दोपहर में डीएम विशाख जी ने सीसीटीवी कंट्रोल रूम का जायजा लिया। मजिस्ट्रेट व पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी दौड़ लगाते रहे। डीआईओएस सर्वदानंद के अनुसार परीक्षा पहले दिन सकुशल तरीके से संपन्न हुई है। जिले से किसी तरह की कोई घटना या अन्य तरह की सूचना नहीं आई। हां, बड़ी संख्या में परीक्षा जरूर बच्चों ने छोड़ी है। इसके पीछे सख्ती ही बड़ी वजह मानी जा रही है।