जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद वहां विकास की ऐसी बयार बही कि इस केंद्र शासित प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदल गयी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद केंद्रीय योजनाएं यहां लागू हो सकीं और गांव-देहात से लेकर शहरों तक में रह रहे लोगों को केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ मिलने लगा जिससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। देखा जाये तो प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लिए जो संकल्प लिये थे उन्हें अपने दो कार्यकालों में साकार कर दिखाया है। आतंकवाद और भ्रष्टाचार का खात्मा हो, परिवारवादी राजनीति को सत्ता से दूर करना हो या फिर जनता का हक मार रहे बिचौलियों को खत्म कर जनता के हक का पैसा सीधे उनकी जेब में पहुँचाना हो…मोदी ने वो कर दिखाया है जिसकी किसी ने कभी कल्पना तक नहीं की थी। 2013 के दिसंबर माह में जब नरेंद्र मोदी भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में जम्मू में ललकार रैली को संबोधित करने आये थे तो उन्होंने पूछा था कि क्यों देश के अन्य भागों की तरह यहां के लोगों के लिए आईआईटी, आईआईएम और एम्स नहीं है? देखा जाये तो उन्होंने 2013 में जो संकल्प लिया था उसे आज जम्मू-कश्मीर को आईआईएम और एम्स देकर सिद्ध करके दिखा दिया है।
पीएम के दौरे से जम्मू-कश्मीर को क्या मिला?
जहां तक प्रधानमंत्री के आज के दौरे से जम्मू-कश्मीर को मिली सौगातों की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शिक्षा, रेलवे, विमानन और सड़क क्षेत्रों सहित 32,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। जम्मू से प्रधानमंत्री ने देशभर में 13,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास भी किया। इन परियोजनाओं में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल हैं। मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लगभग 1,500 नए भर्ती सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए और ‘विकसित भारत, विकसित जम्मू’ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी की। हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर जम्मू-कश्मीर के लोगों में भी खूब उत्साह देखा गया। प्रधानमंत्री को सुनने और देखने के लिए उमड़ी भीड़ दर्शा रही थी कि जम्मू-कश्मीर बड़े बदलाव को हर्ष और गर्व के साथ स्वीकार कर रहा है और उसे मोदी की गारंटियों पर पूरा भरोसा है।
मोदी ने जिन रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान (48 किमी) और नव विद्युतीकृत बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल-संगलदान खंड (185.66 किमी) के बीच रेलवे लाइन शामिल है। उन्होंने घाटी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान और बारामूला स्टेशनों के बीच ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। देखा जाये तो बनिहाल-खारी-सुंबर-संगलदान खंड का चालू होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें यात्रियों को बेहतर सवारी अनुभव प्रदान करने वाले पूरे मार्ग पर गिट्टी रहित ट्रैक (बीएलटी) का उपयोग किया गया है। हम आपको बता दें कि भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग टी-50 (12.77 किमी) खारी और सुंबर के बीच के हिस्से में स्थित है।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 पूर्ववर्ती राज्य के विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा था। मोदी ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर ने सभी इलाकों और सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास देखा है जो अब एक केंद्रशासित प्रदेश है। एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पहली बार जम्मू-कश्मीर में लोगों के दरवाजे पर पहुंची है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मोदी का गारंटी है और यह जारी रहेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर में सर्वांगीण विकास लाने में मुख्य बाधा था जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने निरस्त कर दिया।
मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को ‘परिवारवाद’ की राजनीति से मुक्ति मिल रही है और यह पूर्ववर्ती प्रदेश आज विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक वो दिन भी थे, जब जम्मू-कश्मीर से सिर्फ निराशा की खबरें आती थीं। बम, बंदूक, अपहरण, अलगाव… ऐसी ही बातें जम्मू-कश्मीर का दुर्भाग्य बना दी गई थीं। लेकिन आज जम्मू-कश्मीर विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर बहुत दशकों तक परिवारवाद की राजनीति का शिकार रहा है और परिवारवाद की राजनीति करने वालों ने हमेशा सिर्फ अपना स्वार्थ देखा, जनता के हितों की चिंता नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘परिवारवाद की राजनीति का सबसे ज्यादा अगर कोई नुकसान उठाता है, तो हमारे युवा उठाते हैं। जो सरकारें सिर्फ एक परिवार को आगे बढ़ाने में जुटी रहती हैं, वो सरकारें अपने राज्य के दूसरे युवाओं का भविष्य ताक पर रख देती हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी परिवारवादी सरकारें युवाओं के लिए योजनाएं बनाने पर भी प्राथमिकता नहीं देती। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचने वाले लोग कभी आपके परिवार की चिंता नहीं करेंगे। मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर को इस परिवार राजनीति से मुक्ति मिल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘विकसित जम्मू-कश्मीर’ का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘विकसित भारत का मतलब है विकसित जम्मू-कश्मीर।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आप पर विश्वास है कि हम विकसित जम्मू-कश्मीर बनाकर रहेंगे। 70-70 साल से अधूरे आपके सपने आने वाले कुछ ही वर्षों में मोदी पूरे करके देगा।’’ जम्मू-कश्मीर में जी20 के सफल आयोजन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब यहां ऐसे आयोजन होते हैं तो इसकी गूंज बहुत दूर तक पहुंचती है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया, जम्मू-कश्मीर की सुंदरता, यहां की परंपरा-संस्कृति और आप सभी के स्वागत से बहुत प्रभावित हुई है। आज हर कोई जम्मू-कश्मीर आने के लिए तत्पर है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान में जिस सामाजिक न्याय का भरोसा दिया गया है, वह भरोसा पहली बार जम्मू-कश्मीर के सामान्य जन को भी मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे शरणार्थी परिवार हों, वाल्मिकी समुदाय हो, सफाई कर्मचारी हों, उनको लोकतांत्रिक हक मिला है। अब जम्मू-कश्मीर का कोई भी इलाका पीछे नहीं रहेगा, सब मिलकर आगे बढ़ेंगे। यहां जो लोग दशकों तक अभाव में जी रहे थे, उन्हें भी आज सरकार के होने का एहसास हुआ है।’’