हालिया मंत्रिमंडल गठन को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग के असंतुष्ट होने पर सोरेन ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है.
इससे पहले सुबह सोरेन ने कहा, “(यह) कोई मुद्दा ही नहीं है, हमारा गठबंधन मजबूत है.”
असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के दिल्ली में होने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, “यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, वे इसे सुलझा लेंगे. मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है. झामुमो और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है और सब कुछ बिलकुल ठीक है.”
विधानसभा सत्र के बहिष्कार की धमकी
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने 23 फरवरी से शुरू हो रहे आगामी राज्य विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने और मंत्रियों को नहीं बदलने पर जयपुर जाने की धमकी दी है.
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81-सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं.
कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक
आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक पहले रांची के एक होटल में एकत्र हुए. उन्हें मनाने के लिए झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे.
विधायकों के साथ बैठक के बाद बसंत सोरेन ने कहा, “कोई भ्रम नहीं है…हम सभी एकजुट हैं.”
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