कैलाश कुमार/बोकारो. बोकारो के सेक्टर 12 स्थित ओंकारेश्वर मंदिर सबसे जाने-माने शिव मंदिरों में से एक है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं. यह मंदिर खास अपने अनोखे डिजाइन और विशाल आकार के शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है.
ओम्कारेश्वर मंदिर की पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा ने लोकल 18 को खास बातचीत में बताया कि वर्ष 2006 से मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं और इससे पूर्व उनके पिताजी द्वारा पूजा अर्चना की जाती थी. पंडित ओमप्रकाश ने बताया कि ओंकारेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह शाम पूजा और आरती होती है. वहीं महाशिवरात्रि के अवसर भव्य तरीके से पूजा का आयोजन किया जाता है, जहां दुर दराज इलाकों से शिव- व्रती पूजा अर्चना के लिए आते हैं.
महाशिवरात्रि के दिन धूमधाम से भगवान शिव की शाम 4:00 बजे बारात निकाली जाती है और उसके बाद विधिवत दूध, दही, मधु से भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है,. भगवान शिव का विवाह संपन्न कर रात को प्रसाद वितरण और भजन कार्यक्रम का आयोजन होता है, जिसमें बढ़ चढ़कर श्रद्धालु भाग लेते हैं
13 साल पहले हुई प्राण प्रतिष्ठा
मंदिर के निर्माण को लेकर पंडित जी ने बताया कि वर्ष 2001 में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी और इस मंदिर का निर्माण जन सहयोग के मदद से लगभग 19 लाख रुपए की लागत से हुआ था. मंदिर के ऊपर बना 30 फीट ऊंचा शिवलिंग देखने में बहुत ही भव्य और विशाल लगता है और इस शिवलिंग के दर्शन के लिए दुर दुर से श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं. वहीं ओंकारेश्वर मंदिर में शिवलिंग के अलावा शिव परिवार की मूर्तियां भी स्थापित हैं, जो श्रद्धालुओं के बीच आस्था और भक्तिभाव प्रकट करती हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 16, 2024, 16:09 IST