अद्भुत संयोग! शिष्य ने की गुरु की परिक्रमा, फिर चरणों में नवाया शीश, और निकल गए प्राण

अमित शर्मा. मुरैना. यूं तो गुरु और शिष्य की कहानी की चर्चाएं हर तरफ सुनाई देती हैं लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना में गुरु और शिष्य के प्रेम की एक अनोखी तस्वीर सामने आई है. जहां शिष्य ने गुरु की पहले तो परिक्रमा की और फिर उसके बाद चरणों में अपना शीश झुकाया और प्राण त्याग दिए. अब इस आस्था और भक्ति का अद्भुत संयोग की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.

घटना जिले के थरा गांव में गुल्लकी आश्रम पर घटित हुई. जानकारी के मुताबिक, अंचल के प्रमुख संत महामंडलेश्वर बालक दास जी महाराज के शिष्य नंदीदास जी महाराज गुल्लकी आश्रम पर अपने गुरु के दर्शन करने के लिए गए थे. इस दौरान उन्होंने अपने गुरु की परिक्रमा कर उन्हें दंडवत प्रणाम किया. प्रणाम करते ही गुरु के चरणों में अपने प्राण त्याग दिए. ऐसा आप ने शायद ही कहीं सुना होगा कि किसी शिष्य ने अपने अराध्य  की परिक्रमा कर प्राण त्यागे हों.

नंदी दास जी बाबा संत बालक जी दास जी महाराज के शिष्य थे और वर्तमान में परोसा गांव में आश्रम बनाकर ईश्वर का भजन और जनसेवा कर रहे थे. वह मंगलवार को अपने गुरु के दर्शन हेतु उनके आश्रम पर आए हुए थे. इस दौरान उन्होंने महात्मा बालक दास जी महाराज की परिक्रमा की और उनके चरणों में दंडवत प्रणाम किया. कुछ समय बाद जब नंदीबाबा खड़े नहीं हुए तो गुरु ने उनके सिर पर स्नेह रूपी हाथ फेरा लेकिन तब तक उनका देहांत हो चुका था.

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गुरु ने अपने हाथों से किया अंतिम श्रृंगार
घटना की जानकारी पाकर नंदी बाबा की भक्ति और श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई. संत श्री बालक दास जी महाराज ने अपने शिष्य के समर्पित भाव के प्रति अभिभूत होकर नंदी बाबा के अंतिम संस्कार से पूर्व उनका साधु वेश का अंतिम श्रृंगार अपने हाथों से किया और उन्हें चंदन का टीका लगाया. इस दौरान सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में नंदी बाबा का कुंवारी नदी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.

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