नई दिल्ली:
भीख मांगना, यह शब्द हमारे समाज में एक ऐसी स्थिति को दर्शाता है जिसमें व्यक्ति अपने अस्तित्व के लिए दूसरों से सहारा मांगता है. यह एक प्राचीन और समाज में एक सामाजिक मुद्दा है, जिसे बहुत सारे विभिन्न पहलुओं से देखा जा सकता है .भीख मांगने के कई पहलू होते हैं, जिनमें समाज, आर्थिक, और मनोवैज्ञानिक पहलू शामिल होते हैं. आर्थिक दृष्टि से, भीख मांगना असमानता और गरीबी का परिणाम हो सकता है. यह एक व्यक्ति के वित्तीय संसाधनों की कमी को दर्शाता है और उसे अपने आत्मसम्मान की आवश्यकता महसूस कराता है. मनोवैज्ञानिक दृष्टि से, भीख मांगना व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है. यह उसके आत्मसम्मान और आत्म-विश्वास को कम कर सकता है और उसे असहाय महसूस कराता है. लेकिन इंदौर से एक ऐसी खबर सामने आयी है जिसमें एक परिवार के लोगों ने कुछ दिनों में भीख मांगकर लाखों रुपये जोड़ लिए हैं. ये परिवार भीख मांगने के अलावा और कोई काम नहीं करता. क्या है पूरी खबर आइए जानते हैं.
परिवार के इतने लोग बने भिखारी
भीख मांगकर करीब 45 दिन में ही ढाई लाख रुपए जोड़ लिए, इंदौर में गुरुवार को परिवार समेत भीख मांगते पकड़ी गई महिला को लेकर ये खुलासा हुआ है. वह उज्जैन रोड पर लवकुश चौराहे पर भीख मांग रही थी. प्रशासन की टीम ने जब महिला से पूछताछ की तो उसने कहा- मैंने कोई चोरी नहीं की है, भीख ही तो मांगती हूं. महिला के साथ उसकी 8 साल की बच्ची को भी रेस्क्यू किया गया. बच्ची को बाल संप्रेषण गृह भेजा है. महिला को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा. उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. वहीं, महिला के बहन-जीजा को रेस्क्यू कर पकड़ा गया है. जबकि दो बच्चों के साथ पति भाग निकला.
1 लाख रुपए घर भेजे, 50 हजार बच्चों के नाम FD
रेस्क्यू के दौरान महिला के पास से 19 हजार 200 रुपए मिले. महिला ने बताया कि उसने 7 दिन में ये रुपए कमाए हैं. उसकी 8 साल की बच्ची ने सुबह से लेकर दोपहर 1.30 बजे तक 600 रुपए कमाए. महिला ने पूछताछ में बताया है कि पौने दो महीने में ढाई लाख रुपए कमाए हैं. 1 लाख रुपए गांव भेजे. 50 हजार रुपए खाते में डाले. 50 हजार रुपए की एफडी बच्चों के नाम पर करवाई. 50 हजार रुपए खर्च कर दिए. महिला ने बताया कि 15 दिन में 30 से 35 हजार रुपए की कमाई हो जाती है. सीजन में यानी पर्व विशेष पर, शादी सीजन में 50 हजार रुपए की कमाई 15 दिन में हो जाती है. पकड़ी गई महिला को पिछले साल भी समझाइश दी थी. उस वक्त वह नकली बैसाखी लगाकर चल रही थी. टीम को देखकर उस समय उसने बैसाखी छोड़कर दौड़ने लगी थी.