दीपक पाण्डेय/खरगोन.वर्ष 2024 में 10 फरवरी से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही है. यें नवरात्रि तंत्र साधनाओं के लिए बेहद खास मानी जाती है. साधु-महात्मा एवं तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए गुप्त रूप से साधनाएं करते है. इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते है.
सनातन परंपरा में चार नवरात्रि मानी गई है. इसमें दो नवरात्रि प्रगट है, दो गुप्त है. चैत्र मास और दशहरे पर आने वाली नवरात्रि प्रगट है. आषाढ़ और माघ मास में आने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि मानी जाती है. तंत्र और मंत्र साधना की दृष्टि से इनका अलग महत्व है. तंत्र साधक लोग इस दौरान सिद्धियां प्राप्त करने के लिए गुप्त रूप से साधनाएं करते है.
बन रहा सर्वार्थ सिद्ध योग –
इस साल गुप्त नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहा है, जो मंत्र सिद्धि के लिए यें बेहद खास है. विशेषकर जो लोग गुरु परंपरा के अनुसार 10 माह विद्या साधना करते है. वें इस नवरात्रि उपासना करते है तो निश्चित ही लाभ मिलेगा. क्योंकि पूरे नौ दिन उपासना के लिए मिल रहे है.
यें संयोग भी बन रहे है –
यें गुप्त नवरात्रि इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है. क्योंकि इसमें यह संयोग भी देखा जा रहा है कि नवरात्रि में ही बसंत उत्सव, देवी सरस्वती का प्रगोत्सव तथा मां नर्मदा का जन्मोत्सव भी इसी बीच आ रहा है. इसके साथ ही धर्मशास्त्रों में इस माह को स्नान, दान पुण्य की दृष्टी से भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है. बसंत का आगमन होने से कामनाओं की सिद्धि के लिए भी यें नवरात्रि बेहद खास है.
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FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 19:44 IST