शुभम मरमट/उज्जैन. हिंदू धर्म में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना का बड़ा महत्व है. इस साल 14 फरवरी 2024 को बेहद शुभ संयोगों में बंसत पंचमी मनाई जाएगी. धर्म शास्त्र के अनुसार शुभ योग के स्वामी भगवान श्री गणेश हैं. इस योग में सुख सौभाग्य और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जा सकते हैं. इस योग में मां सरस्वती का पूजन भी शुभ फलदायी माना गया है.
बसंत पंचमी पर रवि योग भी
खास बात यह है कि बसंत पंचमी पर रवि योग भी रहेगा. यह योग स्वर्ण की खरीदी और नवीन प्रतिष्ठान के शुभारंभ के लिए विशेष माना गया है. इन विशिष्ट योग में विवाह आदि मांगलिक कार्य भी शुभ फलदायी माने गए हैं.
बसंत पंचमी पर मिलगी सफलता
इस दृष्टि से उतरते नक्षत्र में किए गए कार्य की सफलता 5 गुना शुभ फलदायी मानी जाती है. ऐसे शुभ लक्षणों से युक्त वसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा, नवीन प्रतिष्ठानों का शुभारंभ, गृह प्रवेश, गृह आरंभ तथा विवाह आदि मांगलिक कार्य करना शुभ माना गया है. इस प्रकार के योगों में की गई साधना भी विशेष फल प्रदान करने वाली होती है.
शुभ सयोंग में करें खरीदारी
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योग संयोग का बड़ा महत्व है. इस बार बसंत पंचमी पर रवि योग का संयोग रहेगा. रवि योग के संबंध में कहा जाता है कि इस दिन किसी नए कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्ति का योग प्रबल हो जाता है. इसलिए इस योग में नए कल कारखाने की शुरुआत, नई दुकान का शुभारंभ, दो व चार पहिया वाहनों की खरीदी तथा सोना खरीदना विशेष माना गया है. स्वर्ण से बने आभूषण व सोने के सिक्के भी इस दिन खरीदने का विशेष महत्व है.
बसंत पंचमी 2024 की तिथि
पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से हो रही है. अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर इसका समापन होगा. उदया तिथि 14 जनवरी को प्राप्त हो रही है, इसलिए इस साल वसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 13:00 IST