वाशिंगटन. वैज्ञानिकों ने उस रहस्यमय रेडियो सिग्नल के स्रोत का पता लगा लिया है जिसे धरती तक पहुंचने में आठ अरब साल लगे. इस पर अध्ययन और रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने चौंकाने और डराने वाली आशंका जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि ये फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) उस स्थान से आया था जो बिग बैंग से आधा समय पहले का है. इसने कम से कम 7 ऐसी आकाशगंगाओं को पार किया, जो आपस में संपर्क में है और संदेशों का आदान-प्रदान कर रहीं हैं. वैज्ञानिकों को आशंका है कि आकाशगंगाएं कहीं आपस में विलय न कर लें.
लुइसियाना के न्यू ऑरलियन्स में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की 243वीं बैठक के दौरान प्रस्तुत एक नए शोध में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में खगोलविदों ने 2022 में खोजे गए सबसे शक्तिशाली एफआरबी की उत्पत्ति का पता लगा लिया है. शोधकर्ताओं ने नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर की गई छवियों का उपयोग करके कम से कम सात आकाशगंगाओं के समूह में 20220610A नामक एफआरबी का पता लगाया था. उनके निष्कर्षों से पता चलता है कि ये आकाशगंगाएँ एक-दूसरे के साथ बातचीत कर रही हैं और विलय का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं. आकाशगंगाओं के बीच इस तरह की दुर्लभ अंतःक्रियाएं ऐसी स्थितियों को जन्म देती हैं जो एफआरबी को ट्रिगर कर सकती हैं.
क्या होता है फास्ट रेडियो बर्स्ट
एफआरबी रेडियो तरंगे तीव्र होती हैं; जो मोबाइल फोन द्वारा उत्सर्जित रेज़ के समान हैं. हालांकि वे ब्रह्मांड में काफी दूर के स्रोतों से उत्पन्न होती हैं. एफआरबी बहुत ही ज्यादा दुर्लभ हैं. दुनिया के सबसे आधुनिक रेडियो, टेलीस्कोप और कंप्यूटिंग सिस्टम होने के बावजूद, खगोलविदों के लिए एफआरबी का पता लगाना चुनौतीपूर्ण है. खगोलविदों ने आज तक केवल 50 एफआरबी का पता लगाया है. कम नमूने उपलब्ध होने के कारण उनका अध्ययन करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एफआरबी मैग्नेटर्स से उत्पन्न होती हैं, ये काफी युवा, अति-चुंबकीय न्यूट्रॉन तारे होते हैं. न्यूट्रॉन तारे घने तारे होते हैं जिनका द्रव्यमान लगभग पृथ्वी के सूर्य के समान होता है, हालांकि, वे मजबूत चुंबकीय क्षेत्र वाले एक छोटे शहर के आकार के ही हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 11, 2024, 21:20 IST