हैदराबाद में शिफ्टिंग, मोबाइल भी जब्त, कांग्रेस को बिहार में सता रहा विधायकों के टूटने का खतरा

पटना. बिहार में सत्ता बदलने और एनडीए सरकार में नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद अब सबकी नजरें 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट पर जा टिकी हैं. फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार की सियासत में अंदरखाने जोड़-तोड़ का खेल शुरू है. एक तरफ जहां एनडीए अपने विधायकों को एकजुट कर बहुमत का आंकड़ा फ्लोर टेस्ट में साबित करने को लेकर आश्वस्त बताती है तो वहीं राजद-कांग्रेस के साथ फ्लोर टेस्ट पर एकजुट रहने को लेकर रणनीति बना रहा है.

फ्लोर टेस्ट से पहले टूट का सबसे ज्यादा डर कांग्रेस को है. कांग्रेस को संभावित टूट से बचाने के लिए अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है और फ्लोर टेस्ट के दिन 12 फरवरी को ही वापस आकर सीधे विधानसभा जायेंगे. हालांकि इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि पार्टी के विधायक वहां नई सरकार बनने के बाद घूमने गए हैं. पार्टी के विधायकों की एक फोटो भी सामने आई है जिसमें वो समूह में दिख रही है.

हैदराबाद में कांग्रेस विधायकों के फोन जब्त

कांग्रेस में टूट के डर से तमाम विधायकों का फोन जब्त कर लिया गया है ताकि किसी भी विधायक से कोई संपर्क नहीं साध पाए.  हैदराबाद के रिजोर्ट में कांग्रेस के 19 में से 17 विधायको को रखा गया है. सिद्धार्थ और अब्दुर्रहमान व्यक्तिगत कारणों से हैदरबाद नही जा पाए. सभी विधायकों को रहने, खाने-पीने से लेकर मनोरंजन के लिए हर सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि अगले 12 फरवरी तक सभी विधायक एकजुट रह सके.

बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों के बाहर भेजने पर कसा तंज

कांग्रेस में टूट को लेकर सभी विधायकों को हैदराबाद भेजने को लेकर भाजपा नेता और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तंज कसते हुए विरोध दर्ज किया है. विजय सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस को अपने विधायकों से डर है. अपने विधायकों को बंधुआ मजदूर आज कांग्रेस समझती है.अफसोस है कि कांग्रेस विधायकों को अपने फैसले खुद लेने के लिए भी नही छोड़ा जा रहा है.

Tags: Bihar News, Bihar politics, Congress

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