नई दिल्ली :
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में 5 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में भाग लेंगे.. शनिवार को रांची की एक विशेष अदालत ने इसकी अनुमति दे दी है. महाधिवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक, कोर्ट के इस आदेश के बाद, ईडी ने याचिका पर जोरदार आपत्ति जताई है. राजीव रंजन का कहना है कि, पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य एक विधायक को शक्ति परीक्षण मतदान में भाग लेने की अनुमति न देकर सरकार को गिराना था. उन्होंने आगे कहा कि, ये पूरी कवायद दुर्भावनापूर्ण है…
गौरतलब है कि, आगामी 5 फरवरी को झारखंड सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है. बता दें कि सुबह 11 बजे से इसकी शुरुआत होगी और पूर्व सीएम सोरेन इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा रहेंगे. चलिए इस पूरे मामले से जुड़े मुख्य घटनाक्रम को कुछ बिंदुओं में समझते हैं…
1. चंपई सोरेन 5 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे. झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को भाजपा के अवैध शिकार के प्रयासों से सुरक्षित रखने के लिए हैदराबाद के एक रिसॉर्ट में रखा गया है.
2. 5 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए हेमंत सोरने ने माननीय न्यायालय के समक्ष आवेदन दायर कर फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मांगी थी, अदालत द्वारा इसकी अनुमति दे दी गई है.
3. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि, जब हेमंत सोरेन जांच में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं, तो ईडी को विधानसभा की कार्यवाही पर आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया.
4. कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात कर रही है और रिसॉर्ट में विधायकों के लिए अलग से खाने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस अधिकारी उन लिफ्टों के एंट्री और एग्जिट बिंदुओं पर पहरा दे रहे हैं, जिनके जरिए विधायकों तक पहुंचा जा सकता है. फ्लोर टेस्ट से कुछ घंटे पहले सोमवार सुबह विधायक हैदराबाद से निकल जाएंगे.
5. हेमंत सोरेन को बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है. ईडी आज उन्हें पूछताछ के लिए अपने दफ्तर लाएगी. गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा है.
6. 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 29, उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास 17 सीटें हैं, जबकि राजद और सीपीआई (एमएल) के पास 1-1 सीट है. बहुमत का आंकड़ा 41 है. जेएमएम-गठबंधन ने 43 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं बीजेपी के पास 26, आजसू के पास 3 जबकि निर्दलीय और अन्य के पास 3 विधायक हैं. विधानसभा में एक सीट खाली है.
7. पूर्व सीएम सोरने के समर्थन पक्ष का कहना है कि, जो जमीन कथित घोटाले के केंद्र में है वह आदिवासी जमीन है और इसे किसी को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है. इस जमीन का हेमंत सोरेन से कोई संबंध नहीं है.