गौरव सिंह/भोजपुर:- सब्जियों और फलों के उत्पादन के लिए कई नई-नई तकनीकें आ गई हैं. हाइड्रोपोनिक और वर्टिकल फार्मिंग जैसी खेती के नए तरीकों को अपनाकर किसान बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. प्रो-ट्रे भी कुछ इसी तरह की तकनीक है. इसका फायदा उठाकर किसान कम खर्च और कम जगह में बढ़िया आमदनी हासिल कर रहे हैं. प्रो-ट्रे की वजह से किसान बीज के बदले पौधे लगा रहे हैं. जिस वजह से सीधे एक महीने का समय बचेगा. साथ कि खाद, पानी और मौसम की मार से भी किसानों को निजात मिलेगा.
ऐसे तैयार होता है प्रो-ट्रे नर्सरी
प्रो-ट्रे नर्सरी तैयार करने वाले नया भोजपुर के किसान आशुतोष पांडेय ने बताया कि व्यवसाई नजरों से प्रो-ट्रे के माध्यम से हम नर्सरी तैयार करते हैं. हर 21 दिन के बाद ट्रे में नई सब्जी का बीज और ऑर्गेनिक खाद डालकर पॉलीहाउस की मदद से जरूरत के अनुसार तापमान देते हैं. इसके बाद प्रो-ट्रे, कम्पोस्ट, कॉकपीट की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए सबसे पहले कॉकपीट ब्लॉक की जरूरत होगी. ये नारियल के बुरादे या रबर से बनी होती है. इस कॉकपीट ब्लॉक को 5 घंटे तक पानी में भिगो कर रखें. फिर कॉकपीट को अच्छी तरह से साफ कर लें, ताकी इसमे मौजूद गंदगी बाहर निकल आए और पौधों को नुकसान ना करें. फिर इसे अच्छे से सूखा लें और उसके बाद बीज खाद डाल दें. 21 दिन में बीज से पौधा तैयार हो जाता है.
बहुत कम वक्त में तैयार हो जाता है नर्सरी
इस प्रकार विभिन्न सब्जियों के बीज अंकुरित होने में कम दिन लगते हैं. शिमला मिर्च और मिर्च 8 से 10 दिन में, प्याज 4 से 6 दिनों में, बैंगन 7 से 8 दिनों में, पत्ता गोभी 2 से 3 दिनों में, टमाटर 4 से 6 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं. खीरा, करैला और नेनुआ का पौधा 18 से 21 दिन में तैयार हो जाता है. इस ट्रे को शडनेट पॉली हाउस और छायादार स्थान पर रखा जा सकता है, जिससे पौधे को कीट रोगों और बारिश से बचाया जा सके.
बेड विधि से बेहतर है प्रो-ट्रे नर्सरी
बेड विधि नर्सरी से पौधे में कीट-रोगों का प्रकोप और खुले में होने के कारण कई तरीके के परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जबकि प्रो-ट्रे नर्सरी में स्वस्थ पौधा तैयार होता है, जो खुले खेतों में लगाए जाने पर भी 100 प्रतिशत तक उपज देता है. दरअसल इस तरह से नर्सरी तैयार करने में ज्यादा परेशानी या खर्च नहीं आता है. लेकिन प्रो-ट्रे तकनीक इससे कहीं ज्यादा फायदेमंद है. प्रो-ट्रे विधि में नर्सरी पौधे पर बैक्टीरिया-वायरस का ज्यादा आक्रमण नहीं होता है, जिससे नर्सरी हेल्दी होती है और आगे जाकर बेहतर उपज मिलती है. प्रो-ट्रे नर्सरी को पॉली टनल में रख कर तैयार कर सकते हैं.
प्रो-ट्रे नर्सरी तकनीक के अनेक लाभ
प्रो-ट्रे में खरपतवार नहीं जमते, तैयार पौधे निकालने पर ज्यादा टूटती नहीं, खेतों में जल्द और अच्छी तरह लग जाती है. इनकी ट्रांसपोर्टेशन भी आसान है. बाढ़ या ओले जैसी आपदा में इनकी रक्षा करना ज्यादा आसान होता है. इस तरह आप प्रो-ट्रे तकनीक अपनाकर स्वस्थ नर्सरी पौधे तैयार कर सकते हैं, जिससे अगेती सब्जियों की खेती में आपको मदद मिलेगी. साथ ही स्वस्थ नर्सरी की बुनियाद पर सब्जी खेती से बेहतर उपज पाएंगे.
आशुतोष पांडेय बताते है कि खेती के साथ वो नर्सरी का कार्य करते हैं. अन्य किसानों को जागरूक भी करते है कि प्रो-ट्रे के पौधे का इस्तेमाल करें, ताकि जो बीज डालने और पौधा निकलने में एक महीना का समय लगता है, वो ना लगे. साथ ही बीज डालने के बाद उसमें पटवन, खाद इत्यादि के फिजूल खर्च से भी बच जाएंगे. बीज के जगह पौधा लगाने से आपकी सब्जी 3 महीने की जगह 2 महीने में ही फल देने लगेगी.
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FIRST PUBLISHED : February 3, 2024, 16:31 IST