ऋतु राज/मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर के बेला स्थित इंडस्ट्रियल एरिया का लेदर पार्क अब रोजगार का नया हब बन चुका है. यहां कई महिलाओं और पुरुषों को रोजगार मिल चुका है. यहां महिला और पुरुष लेदर पर्स, बेल्ट, जैकेट, जूते-चप्पल, बैग व अन्य उत्पाद तैयार करते हैं. घर परिवार चलाने वाली महिलाएं जीविका समूह से जुड़कर यूनिट संभाल रही हैं. उनके इस काम को देखने खुद सीएम नीतीश कुमार भी यहां आए थे. उन्होंने उन सभी महिलाओं को प्रोत्साहित किया था.
इस फैक्ट्री में जीविका दीदियों के लिए एक शेड में 24 सिलाई मशीन लगी है. इन लोगों ने पिछले एक साल में आठ लाख बैग तैयार किए हैं. इससे साढ़े चार करोड़ की कमाई हुई. औसतन एक उद्यमी को हर माह 17 से 20 हजार और उनके अधीन काम करने वाली जीविका दीदियां सिलाई करके छह से 15 हजार तक महीना कमा रही हैं. यूनिट चला रही विनीता राय ने बताया कि यहां लेदर से पर्स, बेल्ट, जैकेट, जूते-चप्पल, बैग व अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं. यहां एक यूनिट में 36 महिलाएं काम करती हैं. सभी महिलाओं को कटिंग तैयार करके दी जाती है. इसके बाद वह उन्हें मशीन से तैयार करती हैं. फिर उसमें सौंदर्यीकरण के लिए तरह-तरह के डिजाइन बनाए जाते हैं. यहां से यह सब कुछ बनाकर दूर-दूर तक सप्लाई किया जाता है.
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ऑनलाइन ऑर्डर की भी सुविधा
विनीता राय ने बताया कि वह लोग ऑनलाइन ऑर्डर भी लेते हैं. विनीता बताती हैं कि इस लेदर पार्क के जरिए जीविका दीदी समेत कई महिला और पुरुषों को रोजगार मिल रहा है. दूसरी ओर, लेदर कारीगर सरिता बताती हैं कि इस लेदर पार्क के जरिए हम लोगों को रोजगार मिला है. यहां हम सभी को पर्स, बेल्ट, जैकेट, जूते-चप्पल, बैग के कटिंग मिलते हैं. इसके बाद हम लोग उसे मशीन के जरिए तैयार करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 31, 2024, 20:07 IST