अनुज गौतम /सागर: सागर जिले के गढ़ाकोटा में सुनार नदी के किनारे मराठा कालीन प्रसिद्ध गणेश मंदिर है. इसे श्री गणेश देवालय के नाम से जाना जाता है. पीपल घाट पर विराजमान भगवान गणेश के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. वही माघ चतुर्थी पर यहां पिछले कई वर्षों से मेले का आयोजन होता आ रहा है.
इस बार भी देर रात तक यहां पर सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा. श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में तिल और मोदक के लड्डू के साथ में अभिमंत्रित रुद्राक्ष, भगवान श्री गणेश का छायाचित्र और श्री यंत्र वाला चांदी का अभिमंत्रित लॉकेट दिया गया. ताकि भगवान की इन सब पर कृपा बनी रहे 5000 से अधिक चांदी के लॉकेट वितरित किए गए हैं.
सहस्त्र अर्चन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती
मराठा कालीन मंदिर में संस्कृत विद्यालय के बटुक ब्राह्मणों के द्वारा एक दिन पहले से ही श्री गणेश मंत्रो का का जाप किया गया था. माघ चतुर्थी के दिन सुबह से भगवान श्री गणेश का अभिषेक करने के बाद सहस्त्रअर्चन किया गया. सहस्त्र अर्चन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यहां पर हुए अष्टांग सहस्त्र अर्चन में भगवान श्री गणेश के लिए 8 वस्तुओं को एक एक हजार बार लिया गया. एक हज़ार बार उनके लिए समर्पित किया गया. यह अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद यज्ञ हवन किया गया महा आरती हुई. इसके साथ ही भगवान श्री गणेश के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ आने लगी दोपहर तक यहां पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे. सभी के लिए प्रसाद का वितरण किया गया. मंदिर में सवा क्विंटल तिल और सवा क्विंटल मोदक का भोग लगाया गया था.
अभिमंत्रित चांदी का सिक्का प्रसाद में वितरण किया
संस्कृत महा विद्यालय गढाकोटा के आचार्य प्रभु दयाल तिवारी ने कहा कि यहां पर पिछले कई सालों से प्राचीन सिद्ध मंदिर में माघ मेले का आयोजन होता आ रहा है. जिसमें गोपाल भार्गव क्षेत्र की खुशहाली के लिए यह अनुष्ठान करते हैं. परिवार सहित शामिल होते हैं. गणेश जी का सहस्त्र अर्चन होता है. सहस्त्र का मतलब हजार और अर्चन का मतलब पूजन तो एक 1000 वस्तुओं को लेकर भगवान श्री सिद्धि विनायक का सहस्त्र अर्चन किया जाता है. सभी क्षेत्रवासी आकर के प्रसाद ग्रहण करते हैं. प्रसाद में तिल के लड्डू मोदक अभिमंत्रित किया जाता है. रुद्राक्ष भगवान श्री गणेश जी का छायाचित्र और एक चांदी का लॉकेट भी रहता है. जो मित्रों से अभिमंत्रित करके प्रसाद स्वरूप भेंट किया जाता है. जिससे सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है और भगवान श्री गणेश जी की कृपा बनी रहती है.
.
Tags: Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news, Religion 18, Sagar news
FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 16:42 IST