कांग्रेस ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) नहीं बिखरेगा तथा वह इसे मजबूत बनाने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान है तथा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनसे बातचीत करने के प्रयास किए, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
बिहार को लेकर उनका कहना था कि गठबंधन में परिस्थिति बेहतर हो सकती है।
रमेश ने यह भी कहा कि गठबंधन को मजबूत करने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।
सीट बंटवारे पर विलंब से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि कांग्रेस की वजह से सीट बंटवारा नहीं हो सका। ऐसा नहीं है कि हमारी वजह से देरी हो रही है…राज्यों में हमारी बजबूत इकाइयां हैं….मुझे लगता है कि कुछ दिनों के भीतर हम सहमति बना लेंगे।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन नहीं बिखरेगा।
रमेश ने कहा कि ममता बनर्जी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होना चाहिए।
उनका कहना था कि गांधी परिवार और कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी का बहुत सम्मान करते हैं।
नीतीश के भाजपा के साथ जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में नये मंत्रिमंडल के गठन की बात हो रही है…भूपेश बघेल जी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। मेरी जानकारी के मुताबिक बघेल जी आज रात ही पटना पहुंच जाएंगे।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘खरगे जी ने नीतीश कुमार से बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी…कभी बिहार के मुख्यमंत्री व्यस्त हैं तो कभी खरगे जी व्यस्त हैं। उनके (नीतीश) यहां से फोन आया कि वह जनसभा में हैं, बात करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी और जनता दल(यूनाइटेड) अध्यक्ष नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।
एक सवाल के जवाब में रमेश ने भगवद् गीता का श्लोक पढ़ा और कहा, ‘‘अर्जुन भगवान कृष्ण से कहते हैं जो हमारे भाई हैं, सहयोगी हैं, नहीं मानते हैं कि वंश का सर्वनाश होना और विश्वासघात करना पाप है, हम यह जानते हुए भी उनके रास्ते में क्यों चलें? आप समझ सकते हैं कि मैं क्या कहना चाहता हूं।’’
उनका कहना था कि अगर आप सांप्रदायिक विचारधारा से लड़ना चाहते हैं तो छोटी-मोटी बातें मायने नहीं रखतीं।
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार जी के निमंत्रण पर 23 जून को विपक्षी दलों की (पटना में) बैठक हुई थी…दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जहां गठबंधन को इंडिया नाम दिया गया…बेंगलुरु बैठक में नीतीश जी की भूमिका महत्वपूर्ण थी…मुंबई में हुई बैठक में भी बिहार के मुख्यमंत्री का योगदान महत्वपूर्ण था।
रमेश ने कहा कि इंडिया की बैठकों में नीतीश का भाजपा के खिलाफ कड़ा रुख रहा था।
कांग्रेस नेता ने नीतीश के राजग के साथ जाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर यह भी कहा, ‘‘जो खबरें आ रही हैं वे अनौपचारिक हैं।
इन खबरों पर टिप्पणी नहीं करूंगा।’’
कांग्रेस के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीति में कभी शून्यता नहीं रहती। बिहार की जनता किसी भी प्रदेश के मुकाबले राजनीतिक रूप से ज्यादा जागरुक है। बिहार की जनता आने वाले चुनाव में निर्णय कर देगी। आगे आना वाला चुनाव इस बात की पुष्टि करेगा।’’
कांग्रेस विधायकों के टूटने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर प्रकाश ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी का कोई एक तिनका भी तोड़कर नहीं ले जा सकता। बल्कि वो अपना घर बचाएं, तो बेहतर है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘नीतीश कुमार जी को मेरी शुभकामना है। मैं पुन: दोहरा रहा हूं कि बिहार की जनता शायद इस बार उनके कदम को उचित नहीं माने। आने वाले चुनाव में जनता निर्णय कर देगी।
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