उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद 2014 से इस देश के लोगों ने कर बचत के तहत लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं और दस्तावेजों से 10 करोड़ फर्जी नाम हटा दिए गए हैं.
मोदी ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में हमने गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाया है…. पिछले 10 वर्षों में लगभग 10 करोड़ फर्जी नाम दस्तावेजों से बाहर किये गये हैं. आज दिल्ली (केंद्र) से भेजा गया हर पैसा उस लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंचता है, जो उसका हकदार है. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई सरकार की प्राथमिकता रही है.”
मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान जीएसटी के कार्यान्वयन और आयकर प्रणाली को सरल बनाने जैसे कई कर सुधार लाए गए, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड कर संग्रह हुआ.
मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों के दौरान कर प्रणाली में कई सुधार लाए गए. उन्होंने कहा कि इसके पहले अलग-अलग कर प्रणालियां हुआ करती थीं, जिन्हें आम नागरिकों को समझना मुश्किल होता था. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता की कमी के कारण ईमानदार करदाताओं और व्यापारियों को परेशानी हो रही थी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी (माल एवं सेवाकर) के रूप में देश को एक आधुनिक कर प्रणाली मिली. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने आयकर प्रणाली को भी सरल बनाया है.
देश में ‘फेसलेस टैक्स असेसमेंट’ प्रणाली शुरू होने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि इन सुधारों के कारण आज देश में रिकॉर्ड कर संग्रह देखने को मिल रहा है.
‘फेसलेस टैक्स असेसमेंट’ का मतलब आकलन की ऐसी व्यवस्था से है, जहां करदाता आयकर विभाग नहीं जाते हैं और किसी भी आयकर अधिकारी के आमने-सामने/सीधे संपर्क में नहीं आते हैं.
अपनी सरकार द्वारा प्रदान किए गए कर लाभों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि कर छूट सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी गई है और देश में करदाताओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.
मोदी ने कहा कि लोगों से जो भी कर वसूला गया वह उन्हें वापस कर दिया गया और इसे सुशासन और राम राज्य का संदेश बताया.
उन्होंने कहा कि केंद्र की पिछली सरकार ने कथित तौर पर परियोजनाओं को रोका, लटकाया और भटकाया, जिससे देश को भारी नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार राम राज्य के समान संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर विशेष ध्यान दे रही है.
‘तिरुवल्लुवर दिवस’ को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने महान तमिल संत को उद्धृत किया और कर एकत्र करने में राजस्व अधिकारियों की भूमिका को रेखांकित किया जिससे लोकतंत्र में लोगों का कल्याण हुआ.
इसके पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने श्री सत्यसाई जिले के लेपाक्षी में स्थित ऐतिहासिक वीरभद्र मंदिर में मंगलवार को पूजा-अर्चना की. जटायु की भूमिका के कारण इस मंदिर का राम कथा में विशेष महत्व है.
प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक छह दिन पहले मंदिर में विशेष पूजा की.
प्रधानमंत्री ने महाकाव्य रामायण पर आधारित एक कठपुतली शो भी देखा जिसमें राम, लक्ष्मण, सीता और रावण को दर्शाया गया.
प्राचीन लेपाक्षी मंदिर परिसर अपनी पौराणिक भव्यता के लिए प्रसिद्ध है और इसमें भगवान शिव, विष्णु, पापनाथेश्वर, रघुनाथ, राम और अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं और इस अवधि के दौरान मंदिर में आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने माना कि देश में राम भक्ति का माहौल व्याप्त है.
मोदी ने कहा कि भगवान राम सामाजिक जीवन में सुशासन की मिसाल हैं और वह एनएसीआईएन के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं, जिसकी भूमिका देश को एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र देने की है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एनएसीआईएन की भूमिका देश को एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की है जो देश में व्यापार और व्यवसाय को आसान बनाएगा.”
नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों से पिछले नौ वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है.
इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर, मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)