मशहूर शायर Munawwar Rana का निधन, लखनऊ में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

लमशहूर शायर मुनव्वर राना का रविवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे।
राना की बेटी सोमैया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके पिता का रविवार देर रात लखनऊ स्थित संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया। वह पिछले काफी समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे। उनका पिछले एक सप्ताह से एसजीपीजीआई में इलाज जारी था।

राना को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए वर्ष 2014 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सोमैया ने बताया कि राना को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

राना के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है।
राना के बेटे तबरेज राना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बीमारी के कारण वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने आज रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली।’’

हिंदुस्तान के सबसे मशहूर शायरों में शुमार किए जाने वाले मुनव्वर राना की नज्म ‘‘मां’’ का उर्दू साहित्य जगत में एक अलग स्थान है।
वर्ष 1952 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जन्मे मुनव्वर राना की शायरी बेहद सरल शब्दों पर आधारित हुआ करती थी, जिसने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिवंगत शायर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है…फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है।’’

यादव ने इसी संदेश में आगे कहा, ‘‘देश के जानेमाने शायर मुन्नवर राना जी का निधन अत्यंत हृदय विदारक। दिवंगत आत्मा की शांति की कामना। भावभीनी श्रद्धांजलि।

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