सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. मंदिर निर्माण की कड़ी में मंदिर की ऊपरी सुरक्षा के साथ ही जमीन के नीचे भी सुरक्षा कवच तैयार किया गया है. मंदिर की 20 फीट ऊंची प्लिंथ पर रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया गया है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि अगर सरयू नदी में बाढ़ आ गई तो क्या राम मंदिर पर कोई असर पड़ेगा या नहीं.
दरअसल, अयोध्या का राम मंदिर मजबूती के हिसाब से दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर होगा जो हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा. मंदिर को सरयू नदी की बाढ़ से सुरक्षित करने के लिए मंदिर के चारों तरफ रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया गया है ताकि भविष्य में सरयू का कटान मंदिर की तरफ बढ़े तो मंदिर वैसा का वैसा बना रहे. मंदिर को कोई नुकसान न पहुंचे .
क्या है ग्रेनाइट पत्थरों की खासियत?
बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए मंदिर की रिटेनिंग वॉल एक सुरक्षा कवच की तरह तैयार की गई है. यह सुरक्षा दीवार मंदिर की तीन दिशाओं पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में बन रही है. इतना ही नहीं इस दीवार को 12 मीटर जमीन के अंदर गहराई तक बनाया गया है. जिसमें ग्रेनाइट के पत्थर लगाए गए थे. ग्रेनाइट के पत्थर में पानी के रिसाव को सूखने की क्षमता अधिक होती है. यही वजह है कि यह दीवार मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने में अहम भूमिका भी निभायेगा.मंदिर निर्माण में मिट्टी परीक्षण के बाद विशेषज्ञों की सलाह पर 15 मीटर गहराई तक मिट्टी हटाकर दूसरी मिट्टी भरी गई है. इस इलाके में आए भूकंप से 50 गुना ज्यादा तीव्रता का भूकंप भी आए तो कोई खतरा नहीं होगा.
47 परतों से तैयार हुआ फाउंडेशन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं की मंदिर में किसी प्रकार की कोई कहीं से भी दिक्कत ना हो इसका खास ख्याल रखा गया है. मंदिर की भव्यता को देखते हुए उसकी मजबूती का विशेष ध्यान रखा गया है. मंदिर हजारों साल तक कैसे सुरक्षित रहे इसके लिए वैज्ञानिकों से सलाह भी ली गई है. मंदिर की मिट्टी में कुछ विशेष प्रकार का सीमेंट भी मिलाया जाता है. इसके बाद इस तरह परत दर परत 47 परतें जोड़कर फाउंडेशन तैयार किया गया है. सरयू नदी में बाढ़ के मुद्दे की भी जांच की गयी है. मंदिर को किसी भी तरह से बाढ़ का खतरा नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : January 14, 2024, 13:20 IST