सोनिया मिश्रा/ चमोली. कहते हैं कण-कण में राम हैं, तो उसी तरह अब घर-घर में राम मंदिर होगा. श्रीराम की भूमि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी लेकिन इसके साथ-साथ देशभर के तमाम राम मंदिरों में भी कार्यक्रम तय हो गए हैं. इसमें उत्तराखंड के चमोली का रघुनाथ मंदिर (Raghunath Temple Chamoli) भी शामिल है. मंदिर में 21 और 22 तारीख को अखंड रामायण का आयोजन किया गया है. 22 जनवरी को मंदिर में विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया है.
चमोली जिले के प्रवेश द्वार गौचर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित धारीनगर (तलधारी) नामक स्थान पर प्राचीन रघुनाथ मंदिर है, जो राम भक्तों की आस्था का केंद्र बिंदु है. मंदिर में देश-विदेश से भक्त पहुंचते हैं. यहां भगवान राम पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और अपने अनन्य भक्त हनुमान के साथ विराजमान हैं. यह मंदिर पतित पावनी अलकनंदा के ऊपरी ओर स्थित है, जहां भक्त शांति की खोज में पहुंचते हैं.
‘ॐ की ध्वनि सुनाई देती है’
स्थानीय आचार्य शक्ति प्रसाद देवली बताते हैं कि मंदिर में यदि एकाग्रचित होकर सुना जाए, तो यहां ॐ की ध्वनि सुनाई देती है. साथ ही यह क्षेत्र कभी बद्रीनाथ जाने का पैदल मार्ग था, जो चट्टी (ठहरने का स्थान) था. यहां अक्सर साधु-संत रुका करते थे. उनके पूर्वज बताते हैं कि एक बार बद्रीनाथ जाते हुए इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर यहां रुकी थीं और उन्होंने मंदिर में रघुनाथ जी की पांच मूर्तियां (परिवार सहित) स्थापित की थीं, लेकिन 1978 में चोरों ने वृद्ध पुजारी राघवानंद को बांधकर मूर्तियां चुराने का प्रयास किया था. मूर्तियां भारी होने की वजह से चोर मूर्तियों को सड़क तक नहीं ले जा पाए और पुजारी के चिल्लाने पर पकड़े गए. जिसके बाद मंदिर को असुरक्षित बताकर प्रशासन ने मूर्तियों को सरकारी मालखाने में जमा कर दिया था, जो आज भी संग्रहालय में ही हैं. उसके बाद रघुनाथ जी के पूरे परिवार की नई प्रतिमाओं को संत राम नारायण दास द्वारा पुनर्स्थापित किया गया और आज भगवान श्री राम अपने पूरे परिवार के साथ रघुनाथ मंदिर में रहते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. Local 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.
.
Tags: Ayodhya Ram Temple, Chamoli News, Local18, Ram Mandir
FIRST PUBLISHED : January 12, 2024, 22:53 IST