अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जहां देश भर में तमाम तरह की तैयारियां चल रही हैं वहीं कुछ लोग सिर्फ अफवाहें फैलाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का निमंत्रण ठुकराया तो भाजपा ने इन पार्टियों की मंशा पर सवाल उठाये। पलटवार में इन दलों की ओर से कहा गया कि देश के शंकराचार्य भी इस समारोह से दूरी बना रहे हैं क्योंकि वहां कुछ भी शास्त्र सम्मत नहीं किया जा रहा है। अब इस दुष्प्रचार का जवाब खुद शंकराचार्यों ने देते हुए राम मंदिर निर्माण और रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित समारोह का स्वागत किया है।
शंकराचार्यों के बयान
श्रृंगेरी शारदा पीठ के शंकराचार्य अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु भारती तीर्थ और शंकराचार्य मठ द्वारकाशारदा पीठ गुजरात के जगद्गुरु शंकराचार्य ने सभी प्रकार की अफवाहों का खंडन किया है। शंकराचार्य ने कहा कि ये समय हर्ष का है। पीठ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लगभग पाँच सौ सालों के संघर्ष के बाद भगवान श्री रामचन्द्र जी के अवतार क्षेत्र पावन अयोध्या में भगवान श्रीरामचन्द्र जी के भव्य मंदिर का निर्माण कर आनेवाले पौष शुक्ल द्वादशी सोमवार (22.1.2024) को प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव अत्यंत वैभवोपेत संपन्न होने वाला है। यह सभी आस्तिकों के लिए अत्यंत हर्षप्रद है। बयान में कहा गया है कि परंतु ऐसे संदर्भ में कुछ धर्मद्वेषियों ने सामाजिक मीडिया में “www.dainikjagran.com” के नाम को उपयोग करते हुए दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदा पीठ के वर्तमान शंकराचार्य, परमपूज्य अनंतश्रीविभूषित जगद्गुरु भारतीतीर्थजी महाराज के छायाचित्र के साथ ऐसे संदेश को डाला है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि शृंगेरी शंकराचार्य जी इस पवित्र प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव के विषय में विरोध प्रकट कर रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि परंतु श्रृंगेरी शंकराचार्य जी ने ऐसा कुछ भी संदेश नहीं दिया है। यह केवल कुछ धर्मद्वषियों का मिथ्याप्रचार है। इसलिए सभी आस्तिकों से यह अनुरोध है कि ऐसे अप्रामाणिक दुष्प्रचार पर ध्यान नहीं देना चाहिए और दक्षिणान्नाय शृंगेरी शारदा पीठ का आधिकारिक वेबसाइट (www.sringeri.net) और आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रकटित विषयों को ही प्रामाणिक जानना चाहिए। बयान में कहा गया है कि “sharadapeetham” यूट्यूब चैनल के माध्यम से इसी पावन प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव के के उपलक्ष में में गत दीपावली (12-11- 2023) के अवसर पर ही श्रृंगेरी जगद्गुरु द्वारा समस्त आस्तिकों को श्रीराम-तारक-महामंत्र का जाप करने का संदेश दिया गया था। उसके अनुसार आस्तिकों से अत्यधिक संख्या में किया जानेवाला मंत्रजाप भी इस संदर्भ में उल्लेखनीय है। बयान में कहा गया है कि श्रृंगेरी शंकराचार्य जी आशीर्वाद देते हैं कि अतिपावन एवं दुर्लभ इस प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव के सुसंदर्भ में यथायोग्य भाग लेकर सभी आस्तिक भगवान श्रीरामचन्द्र जी के कृपापात्र बनकर कृतार्थ होंवें।
वहीं शंकराचार्य मठ द्वारकाशारदा पीठ गुजरात के जगद्गुरु शंकराचार्य ने एक बयान में कहा है कि राम जन्मभूमि प्राप्त करने के लिए रामालय ट्रस्ट और राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के माध्यम से शंकराचार्य ने अनेक अनेक प्रयास किए थे। उन्होंने कहा है कि लगभग 500 वर्षों का विवाद समाप्त हुआ है इसलिए यह सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्रसन्नता का अवसर है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अयोध्या में होने जा रहे परमात्मा श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सभी कार्यक्रम वेद शास्त्र अनुसार और धर्म शास्त्रों की मर्यादा का पालन करते हुए विधिवत संपन्न किये जायें।
विश्व हिंदू परिषद के दो बड़े बयान
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने भी कहा है कि शंकराचार्यों ने कहा है कि वह अपनी सुविधा के हिसाब से आयेंगे और सभी ने कार्यक्रम की सफलता की कामना की है। आलोक कुमार ने यह भी कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पूर्व उपप्रधानमंत्री और राम मंदिर आंदोलन चलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी भी जाएंगे। उन्होंने कहा है कि उनके स्वास्थ्य को देखते हुए तमाम प्रबंध किये जा रहे हैं। हम आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस के नेताओं ने पिछले दिनों दिल्ली में आडवाणी से उनके निवास पर भेंट करके उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था।
अयोध्या हवाई अड्डे का विस्तार
दूसरी ओर, रामोत्सव के आयोजन को लेकर तमाम तरह की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन अयोध्या हवाई अड्डे पर 100 चार्टर्ड उड़ानों के उतरने की उम्मीद है। अयोध्या से अहमदाबाद के लिए एयरलाइन इंडिगो की उड़ान सेवा के उद्घाटन के लिए ऑनलाइन आयोजित समारोह में उन्होंने यह बात कही। कार्यक्रम में आदित्यनाथ ने लखनऊ से और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राष्ट्रीय राजधानी से ऑनलाइन हिस्सा लिया। सिंधिया ने इस अवसर पर कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे का विस्तार किया जाएगा। रनवे का विस्तार किया जाएगा जिससे बड़े विमान उतर सकेंगे और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो सकेंगी। अयोध्या हवाई अड्डे के बारे में सिंधिया ने कहा कि दूसरे चरण का विस्तार जल्द ही शुरू होगा और शहर को और अधिक उड़ानें मिलेंगी।
रामलला के लिए देश-विदेश से भेजे जा रहे उपहार
इस बीच, अयोध्या में 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले राम मंदिर के लिए भेजे गये विशेष उपहारों में 108 फुट लंबी अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम का घंटा, 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक, सोने के खड़ाऊं, 10 फुट ऊंचा ताला तथा चाबी और आठ देशों का समय एक साथ बताने वाली घड़ी शामिल हैं। इन अनोखे उपहारों को बनाने वाले कलाकारों को उम्मीद है कि इनका इस्तेमाल भव्य मंदिर में किया जाएगा। देश के सभी हिस्सों और यहां तक कि विदेशों से भी उपहार प्राप्त हो रहे हैं। नेपाल के जनकपुर में सीताजी की जन्मभूमि से भगवान राम के लिए 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंचे हैं। आभूषण और कपड़ों सहित उपहारों को इस सप्ताह नेपाल के जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से लगभग 30 वाहनों के जरिये अयोध्या ले जाया गया। श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल भी अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार के साथ अयोध्या पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने महाकाव्य रामायण में वर्णित अशोक वाटिका से लाई गई एक शिला भेंट की। रामायण के अनुसार अशोक वाटिका वही जगह है, जहां रावण ने माता सीता का अपहरण करने के बाद उन्हें रखा था। गुजरात के वडोदरा में छह महीने की अवधि में 108 फुट लंबी अगरबत्ती तैयार की गई है, जिसका वजन 3,610 किलोग्राम है और यह लगभग 3.5 फुट चौड़ी है।
गुजरात से विशेष रथ से 500 किलो का विशाल नगाड़ा भी रामनगरी पहुंचा है जिसे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने स्वीकार किया। साथ ही आश्वासन दिया कि इसे उचित स्थान पर स्थापित किया जाएगा। गुजरात विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र मंत्री अशोक रावल ने पत्र भेजकर नगाड़ा स्वीकारने की संस्तुति की है। नगाड़ा लेकर आए चिराग पटेल ने बताया कि इस पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है। ढांचे में लोहे और तांबे की प्लेट का भी इस्तेमाल किया गया है। इसका निर्माण डबगर समाज के लोगों ने किया है। राम मंदिर में स्थापित करने के लिए हिंदू संस्कृति के इस प्रतीक विशाल नगाड़ा का निर्माण कर्णावती महानगर के दरियापुर विस्तार में किया गया है। नगाड़ा लेकर आये लोगों ने प्रभासाक्षी से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात का हर्ष है कि उनकी भेंट स्वीकारी गयी।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी ताला बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा ने 10 फुट ऊंचाई, 4.6 फुट चौड़ाई और 9.5 इंच मोटाई वाला 400 किलोग्राम वजन का ताला और चाबी तैयार की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया का सबसे बड़ा ताला और चाबी है। मैंने इसे ट्रस्ट को उपहार में दिया है ताकि इसे मंदिर में प्रतीकात्मक ताले के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।’’ उत्तर प्रदेश में एटा के जलेसर में अष्टधातु से बना 2,100 किलोग्राम वजन का घंटा तैयार किया गया है। घंटा तैयार करने में शामिल एक कारीगर ने कहा, ‘इसे तैयार करने में दो साल लग गए। सभी अनुष्ठानों को करने के बाद धूमधाम के साथ घंटे को अयोध्या भेजा जा रहा है।’’ लखनऊ के एक सब्जी विक्रेता ने विशेष रूप से एक ऐसी घड़ी तैयार की है जो एक ही समय में आठ देशों का समय बताती है। अनिल कुमार साहू ने कहा कि उन्होंने 75 सेमी व्यास वाली घड़ी मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को उपहार में दी है। साहू ने कहा कि उन्होंने पहली बार 2018 में घड़ी बनाई थी, और इसे भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया था। उन्होंने बताया कि यह घड़ी भारत, टोक्यो (जापान), मॉस्को (रूस), दुबई (यूएई), बीजिंग (चीन), सिंगापुर, मेक्सिको सिटी (मेक्सिको), वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क (अमेरिका) का समय दर्शाती है।
इसके अलावा, नागपुर के शेफ विष्णु मनोहर ने घोषणा की है कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले भक्तों के लिए 7,000 किलोग्राम ‘‘राम हलवा’’ तैयार करेंगे। मथुरा का श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान अयोध्या में ‘यज्ञ’ के लिए 200 किलोग्राम लड्डू भेजने की तैयारी कर रहा है। तिरूपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के संरक्षक, तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) ने भी घोषणा की है कि वह इस खास दिन के लिए भक्तों को वितरण के वास्ते एक लाख लड्डू भेजेगा। सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5,000 अमेरिकी हीरे और दो किलोग्राम चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार बनाया है। चालीस कारीगरों ने 35 दिन में इसे तैयार किया और हार को राम मंदिर ट्रस्ट को उपहार में दिया गया है। वडोदरा के रहने वाले किसान अरविंदभाई मंगलभाई पटेल ने 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक तैयार किया है। पटेल ने कहा, ‘‘दीपक 9.25 फुट ऊंचा और आठ फुट चौड़ा है। दीपक ‘पंचधातु’ (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और लोहा) से बना है।’’