ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में CBI का बड़ा खुलासा, ऐसे रची गई थी हत्या की साजिश

Patna:

बिहार का बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है. खुलासे में सीबीआई ने बताया है कि कैसे ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या की साजिश रची गई. सीबीआई की रिपोर्ट की मानें तो तत्कालीन एमएलसी हुलास पांडेय ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए 6 गोलियां ब्रह्मेश्वर मुखिया पर दाग दी थी. ब्रह्मेश्वर मुखिया रोज की तरह अपने घर से सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, जहां पहले से हुलास पांडेय अपने साथियों के साथ उनका इंतजार कर रहे थे. पहले तो मुखिया से बातचीत की फिर दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई. जिसके बाद हुलास पांडेय के साथियों ने ब्रह्मेश्वर मुखिया के दोनों हाथों को पकड़ लिया औ हुलास पांडेय ने गोली चला दी. इस हत्याकांड में सीबीआई ने गवाह का बयान भी दर्ज किया है.

ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई का बड़ा खुलासा

आपको बता दें कि गवाह ने बताया कि 31 मई, 2012 की शाम वह पटना स्थित हुलास पांडेय के आवास पहुंचे थे और इसके बाद हुलास पांडेय अपने घर से नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, अभय पांडेय, रितेश उर्फ मोनू और मनोज पांडेय समते दूसरे लोगों को साथ लेकर आरा के लिए निकल गए. गवाह ने यह भी बताया कि उस दिन उसका एकादशी का व्रत था, जिस वजह से वह दानापुर के सगुना मोड़ के पास ही उतर गया. वहीं, गवाह ने यह भी बताया कि जब वह गाड़ी से उतरा तो उसने हुलास पांडेय को बोलते हुए सुना कि अगले दिन आरा में मुख्यमंत्री का कार्यकर्म है और इसकी वजह से सर्किट हाउस में इंतजाम करना है. ऐसे में आज ही रात आरा के सर्किट हाउस पहुंचना है. गवाह ने बताया कि अपना व्रत तोड़ने के बाद आरा सर्किट हाउस के लिए बाइक से निकल गया. 

ऐसे रची गई थी हत्या की साजिश

गवाह के मुताबिक हुलास पांडेय अपने साथियों के साथ आरा के कतीरा मोड़ पर थे और उसी दौरान ब्रह्मेश्वर मुखिया भी वहां टहलते हुअ पहुंचे. मनोज पांडेय मुखिया के पास गया और उन्हें गाड़ी में बैठने को बोला. जिसके बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया गाड़ी में बैठ गए. थोड़ी देर बाद किसी बात को लेकर उनके और हुलास पांडेय में बेहस हो गई और वह गाड़ी से उतर गए. तभी हुलास पांडेय ने अपने हाथ में लिए पिस्टल से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.  

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