अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, उनके वाहन पर उस समय हमला हुआ जब वद एक “सुरक्षित क्षेत्र” अल-मवासी के पास था.
दाहदौह ने कब्रिस्तान से अल जज़ीरा को बताया, “हमजा मेरे लिए सब कुछ था, सबसे बड़ा लड़का, वह मेरी आत्मा की आत्मा था.” उनके बेटे को कब्रिस्तान में दफना दिया गया.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मेरे बेटे हमजा का खून पत्रकारों के साथ-साथ गाजा पट्टी के लोगों का आखिरी खून है.”
सोशल मीडिया पर व्यथित करने वाले दृश्यों में हमजा की गमगीन पत्नी और भाई-बहन उसे दफनाने से पहले अंतिम बार देखने के लिए कब्रिस्तान की ओर भागते नजर आ रहे हैं. वेल दहदौह अपने परिवार के बाकी सदस्यों को सांत्वना देने की कोशिश करते हुए, उसके सिर के पास खड़े थे. एक अन्य वीडियो में वे आंसू बहाते हुए अपने बेटे का हाथ चूमते हुए दिख रहे हैं.
अल जज़ीरा ने गाजा में फ़िलिस्तीनी पत्रकारों की हत्या और उन्हें “निशाना बनाने” की निंदा की है. कंपनी ने एक बयान में कहा, “अल जज़ीरा मीडिया नेटवर्क इजरायली कब्जे वाले बलों द्वारा फिलिस्तीनी पत्रकारों की कार को निशाना बनाने की कड़ी निंदा करता है.” कंपनी ने इजरायल पर “प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का उल्लंघन” करने का आरोप लगाया.
दाहदौह अक्टूबर में गाजा पर इज़राइल के हमले पर ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग करने वाले सभी पत्रकारों का चेहरा बन गए थे जब उन्हें पता चला कि उनके परिवार के कई सदस्य उसी बमबारी में मारे गए जिसे वह कवर कर रहे थे.
वे उस अस्पताल पहुंचे जहां उनके प्रियजनों के शव रखे गए थे. दक्षिणी गाजा पट्टी के डेर अल-बलाह के एक अस्पताल में अपनी पत्नी और बच्चों के शवों पर उनके विलाप के दृश्य सामने आए थे. उनका परिवार एक अस्थायी घर में रह रहा था.
हमास द्वारा संचालित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में इजरायली बमबारी में कम से कम 113 लोग मारे गए हैं.
युद्ध तब शुरू हुआ जब हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इज़रायल पर एक अभूतपूर्व हमला किया. इस हमले में करीब 1140 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश आम नागरिक थे. इज़रायल के अनुसार, हमास के लड़ाकों ने लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था, जिनमें से 132 अभी भी कैद में हैं. माना जाता है कि कम से कम 24 लोग मारे गए थे.