दीपक पाण्डेय/खरगोन. खेतों में पेड़ों पर या फिर खेरची मंडी में फलों और सब्जियों के बीच टोकरी या ठेले पर नींबू के आकार में 40 से 50 रुपये किलो के भाव बिकने वाले आंवले को तो आपने देखा ही होगा. यह फल सर्दियों में आसानी से हर जगह मिल जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आंवला एक ऐसा फल है, जिसमें औषधीय गुणों की भरमार है.
शरीर में कमजोरी हो, खून की कमी हो या फिर त्वचा से जुड़ी बीमारी आंवले के सेवन से कुछ ही दिनों में फायदा देखने को मिल जाता है. आयुर्वेद में कफ, वात और पित्त तीनों ही रोगों के लिए आंवला को बेहद ही लाभदायक माना गया है. खरगोन जिला आयुष चिकित्सालय में पदस्थ आयुर्वेद के विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार मौर्य ने बताया कि एंटीऑक्सीडेंट औषधि होने से आंवला को शरीर के लिए सर्वगुण संपन्न माना जाता है.
इन रोगों लिए रामबाण
आंवला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है, जो त्वचा और दांतों के लिए काफी गुणकारी है. शरीर में जीवाणुओं से लड़ने की ताकत पैदा करता है. इसके अलावा जिन लोगों में खून की कमी है, शरीर में कमजोरी बनी रहती है, उनके लिए तो आंवला किसी रामबाण से कम नहीं. मात्र 2 ग्राम आंवले का सेवन रोजाना करने से कुछ ही दिनों में फायदा नजर आने लगता है.
ऐसे करें आंवले का सेवन
बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग सभी को आंवले का सेवन करना चाहिए. घर में आंवले का मुरब्बा या चटनी बनाकर, सुखाने के बाद सुपारी के रूप में, पाउडर बनाकर, आंवला चूर्ण बनाकर या फिर सीधे तौर पर भी आंवला का सेवन किया जा सकता है. जिन लोगों को खुजली की तकलीफ है, खटाई से परहेज है या एलर्जी है तो ऐसे लोगों को आंवला खाने से बचना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 07:01 IST