उन्होंने जहाजरानी को द्वीपों की जीवन रेखा होने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कमजोर बंदरगाह बुनियादी ढांचे का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह बात शिक्षा, स्वास्थ्य और यहां तक कि पेट्रोल-डीजल पर भी लागू होती है.
‘‘भले ही शिपिंग द्वीपसमूह की जीवन रेखा है, लेकिन बंदरगाह का बुनियादी ढांचा कमजोर है. चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, या यहां तक कि पेट्रोल और डीजल हो, हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इन सभी चुनौतियों का समाधान हमारी सरकार की तरफ से किया जा रहा है.” – PM मोदी
उन्होंने कहा कि सरकार ने अब लक्षद्वीप को विकसित करने का बीड़ा गंभीरता से उठाया है. उन्होंने अपने संबोधन में अगाती में हाल में शुरू किए गए बर्फ संयंत्र के बारे में सकारात्मक उम्मीद जताई और इस बात पर जोर दिया कि यह द्वीप पर समुद्री भोजन (Sea-Foods) के प्रॉसेसिंग की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अगाती में कई विकास परियोजनाएं पूरी की गईं और खासतौर से मछुआरों के लिए आधुनिक सुविधाओं के निर्माण का उल्लेख किया. उन्होंने इस पर भी चर्चा की कि अगाती में अब एक हवाई अड्डे के साथ-साथ एक बर्फ संयंत्र (Ice Plant) भी है.
मोदी ने कहा कि इसकी बदौलत सीफूड निर्यात और सीफूड प्रसंस्करण क्षेत्रों (Seafood Export and Seafood Processing Sectors) के लिए नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं. उन्होंने टूना मछली के निर्यात का भी उल्लेख किया, जिससे केंद्रशासित प्रदेशों के मछुआरों की आय बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है. नई विकास परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप की बिजली और अन्य ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सौर संयंत्र और एक विमानन ईंधन डिपो के उद्घाटन का उल्लेख किया. उन्होंने अगाती द्वीप पर सभी घरों में नल से पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराने के बारे में भी बात की और गरीबों के लिए घर, शौचालय, बिजली और रसोई गैस सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयासों को दोहराया.
लक्षद्वीप के अपने दौरे के दौरान मोदी 1,150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एक परिवर्तनकारी कदम के तहत, प्रधानमंत्री ने कोच्चि-लक्षद्वीप आइलैंड्स सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (Kochi-Lakshadweep Islands Submarine Optical Fiber Connection) परियोजना की शुरुआत करके लक्षद्वीप में धीमी इंटरनेट गति की चुनौती को दूर करने का संकल्प लिया था और अगस्त 2020 में लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस पर एक घोषणा की थी.
बयान में कहा गया है कि यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन मोदी करेंगे. बयान में कहा गया है कि इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से अधिक (1.7 Gbps से 200 Gbps तक) बढ़ जाएगी. आजादी के बाद पहली बार लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल (submarine optic fiber cable) से जोड़ा जाएगा. बयान में कहा गया है कि समर्पित पनडुब्बी ओएफसी लक्षद्वीप (OFC Lakshadweep) द्वीप में संचार बुनियादी ढांचे में एक बड़ा बदलाव सुनिश्चित करेगी, जिससे तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं, टेलीमेडिसिन (Telemedicine), ई-गवर्नेंस (E-governance) , शैक्षिक पहल, डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल मुद्रा उपयोग, डिजिटल साक्षरता आदि सक्षम होंगी.
बयान के अनुसार, मोदी कदमत में लो टेमरेचर थर्मल डिसेलिनेशन संयंत्र (Low Temperature Thermal Desalination Plant) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो हर दिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन करेगा. वह अगाती और मिनिकॉय द्वीपों के सभी घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. बयान के अनुसार, अन्य परियोजनाओं में कवारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र भी शामिल हैं, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है. इसके साथ ही कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण के लिए आधारशिला रखना, पांच द्वीपों- एंड्रोथ (Five Islands-Androth) , चेटलाट, कदमत, अगाती और मिनिकॉय के में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) का निर्माण शामिल हैं.
ये भी पढ़ें:-
“मैं उस पर था..”: जापान में जलते विमान से बचाए गए यात्री ने साझा किया अपना अनुभव
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)