रवि फसल में फफूंद और पीलापन से हैं परेशान? तो खेतों करें यह उपाय, होगा फायदा

गौरव सिंह/भोजपुर : ठंड का असर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. बावजूद इसके भोजपुर के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों की बोई गई मसूर व मटर, सरसों, आलू समेत अन्य रबी फसल प्रभावित हो रही है. अधिकांश किसानों के खेतों में बोई गई मटर व मसूर समेत अन्य रवि फसलों में फफूंद व पत्तियों में पीलापन आना शुरू हो गया है. हालाकि, इन फसलों के लिए अधिक ठंड की आवश्यकता होती है. पिछले दिनों से तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं देखा जा रहा है, जिससे ये सब समस्या आ रही है. इन फ़सलों में उचित दवा व समुचित इलाज के बारे में डिटेल में बता रहे हैं भोजपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पी के द्विवेदी.

रबी के फसल के लिए उपयुक्त तापमान 12-24 डिग्री सेल्सियस
कृषि वैज्ञानिक डॉ. पी के द्विवेदी ने रवि फसलों में आ रही समस्या के बारे में बताते है कि कुछ किस्म को अनुकूल ठंड नहीं मिल रही है. किसानों का कहना है कि तापमान में कमी नहीं होने के चलते रबी की अधिकांश फसलों में कहीं-कहीं हल्का पीलापन व पत्तियों को सूखते देखा जा रहा है. किसानों का यह भी कहना है कि इन पौधों के जड़ों में फफूंद के चलते इस तरह की स्थिति हो रही है या इस बार रबी फसल की बुआई भी किसानों ने तय समय से आगे की है. कृषि वैज्ञानिक की मानें तो रबी के फसल के लिए उपयुक्त तापमान करीब 12 से 24 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए. जबकि अभी दिन का तापमान 28 डिग्री के करीब चल रहा है. ऐसे में रबी पर इसका हल्का असर दिख रहा है. इन फसलों के लिए तापमान 30 डिग्री व इससे से अधिक रहा तो नुकसान की आशंका बढ़ जाती है.

करें यह उपाय
दलहनी फसल में समस्या आने पर प्रॉपिकॉनाजोल 250 मिली लीटर दलहनी फसलों में फफूंद जनित बीमारियों से बचाव के लिए प्रयोग करना बेहतर होगा. आलू के पत्ता में समस्या आने पर कार्बेंडाजिम एवं मैनकोज़ेब मिश्रण 4 से 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर आलू की फसल पर छिड़काव करने से फसल में पाल से सुरक्षा होगी. इसका छिड़काव एक सप्ताह पर एक बार किया जाना चाहिए.

अगर गेंहू में पीलापन जैसी समस्या है तो कार्बेंडाजिम एवं मैनकोज़ेब मिश्रण 3 ग्राम तथा चिलेटेड जिंक 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में एक साथ मिलाकर छिड़काव करने से गेहूं में पीलापन आ रहा है उसका नियंत्रण आसानी से होगा. सरसों की फसल में अगर पत्तियों पर पीलापन और धब्बे आ रहे हैं तो इसके लिए कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना काफी लाभदायक होगा.

ठंड के बावजूद भी फसलें हो रही प्रभावित
क्षेत्र में पानी की कमी व इन फसलों की समय से पहले ही बुआई कर दी गई थी. इससे फसले काफी प्रभावित हुई है.भेल डुमरा के किसान हरेंद्र सिंह ने बताया कि मटर व मसूर समेत अन्य रबी की फसल की बुआई दो महीने की होने को आई है. कई एक पौधे में कहीं-कहीं बलिया भी आने लगी है. इस बार ठंड समय से नहीं आई. इसलिए फसल में पानी अधिक देना पड़ रहा है. इन फसल में कीट का प्रकोप भी देखा जा रहा है. दिन का तापमान अधिक होने के चलते मसूरी व मटर के पत्ते पीले पड़ रहे है. इन फसलों को अच्छी ठंड की जरूरत है.

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