दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने अपने एक हालिया आदेश में कहा कि यह सुरक्षित रूप से कहा जा सकता है कि दो-तरफा वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए साक्ष्य की रिकॉर्डिंग की अनुमति देना याचिकाकर्ताओं को निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार से वंचित करने के समान नहीं होगा.
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