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थलकेदार मंदिर से लगभग 2500 फीट की ढलान पर लटेश्वर नामक मंदिर आता है, जो पिथौरागढ़ से 22 किलोमीटर दूर बड़ाबे गांव में स्थित है. यहां पर एक सम्पूर्ण विशाल शिला खण्डित होकर गुफा रूप में परिवर्तित हुई है . श्री लटेश्वर एक प्राचीन पूजा स्थल है, जहां एक गुफा भी है. गुफा के अंदर से जलधारा बहती है जिसे स्थानीय निवासी गुप्तगंगा कहते हैं. मान्यता है कि इस पानी से चर्म रोग जैसी समस्या दूर होती है. लाटा देवता को नंदीगण के रूप में पूजा जाता है. यह इस इलाके के अराध्य देव हैं, जहां शिवरात्रि को शिवभक्त विशेष पूजा अर्चना करने पहुंचते है. थलकेदार में शिवलिंग की पूजा करने के बाद शिवभक्त लटेश्वर मंदिर पहुंचते है, तब जाकर यह यात्रा पूरी मानी जाती है.