फूलों की खेती से ये युवा कमा रहा जबरदस्त मुनाफा, ऐसे कर रहा किसानी

दिलीप चौबे/कैमूर : खेती-किसानी के क्षेत्र में बदलाव का दौर लगातार जारी है. किसान पारंपरिक तरीके से कम लागत में बंपर मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहे है. इसमें फूल की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. फूलों की खेती कर कम लागत में बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है. बाजार में गेंदा फूल की सर्वाधिक डिमांड रहती है.

किसान इसकी खेती कर सीमित समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें खर्च भी बेहद कम आता है. कैमूर जिला में भी मां मुंडेश्वरी मंदिर के आस-पास के इलाकों में किसान बड़े पैमाने पर फूल की खेती करते हैं. इस मंदिर में फूल की जबरदस्त डिमांड रहती है. इसी को ध्यान में रखकर कैमूर जिला अंतर्गत भगवानपुर प्रखंड स्थित रामगढ़ गांव के रहने वाले युवा किसान सूरज कुमार सिंह पिछले 4 वर्षों से गेंदा फूल की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

2 से 3 दिन के अंतराल पर ढाई क्विंटल निकलता है फूल
युवा किसान सूरज कुमार सिंह ने बताया कि लगभग ढाई बीघे में गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. इस फूल की जबरदस्त डिमांड है. खेत से व्यापारी मोहनियां, भभुआ, बनारस और पास हीं स्थित मां मुंडेश्वरी धाम में फूल की बिक्री के लिए ले जाते हैं. मंदिरों एवं बाजार में गेंदा फूल की माला की डिमांड अधिक होता है. वहीं छोटे स्तर पर दुकान लगाने वाले माली समुदाय के लोग भी यहां से फूल लेकर जाते हैं.

इसके अलावा चैनपुर स्थित हरषु ब्रह्म धाम और सासाराम में मां ताराचंडी धाम के लिए फूल यहीं से जाता हैसूरज ने बताया कि ढाई बीघे में लगे फूल को 2 से 3 दिन के अंतराल पर तोड़ते हैं दो से ढाई क्विंटल फूल निकलता है. वहीं 10 से 15 के अंतराल पर फूल तोड़ते हैं तो चार से पांच क्विंटल तक फूल निकल जाता है.

मांग अधिक रहने पर 150 रुपए किलो बिकता है फूल
किसान सूरज कुमार सिंह ने बताया कि फूल की कीमतों में उतार-चढाव होता रहता है. दीपावली, दुर्गा पूजा या अन्य किसी भी पर्व में डिमांड अधिक रहने पर स्कूल की कीमत बढ़ जाती है. वहीं आम दिनों में कीमत कम रहती है. कभी कमाई अच्छी हो जाती है तो कभी कम से संतोष करना पड़ता है. जब मांग अधिक रहती है तो 150 रुपए किलो तक पहुंच जाता है.

सामान्य दिनों में 50 से 60 रुपए किलो फूल मंडी में बिकता है. वहींफूल की रोपाई एक बार होती है तो 6 महीने तक फलन होता है. एक सीजन में दो से ढाई लाख रुपए की आमदनी होती है. सूरज ने बताया कि फूल का पौधा बनारस के पास मुगलसराय से लाते हैं. हर 2 महीने पर फूल की रोपाई की जा सकती है.

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