जब आयोजन स्थल के पीछे आंसू गैस का एक गोला फटा तो उस समय मंच पर विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख और सांसद के. सुधाकरन, सांसद शशि थरूर, कोडीकुन्निल सुरेश, अदूर प्रकाश, के. मुरलीधरन, जेबी माथर, वरिष्ठ नेता और विधायक रमेश चेन्निथला तथा अन्य विधायक मौजूद थे.
यह मार्च केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने वाम सरकार के लोगों तक पहुंचने के कार्यक्रम ‘नव केरल सदास’ के खिलाफ आंदोलन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं पर पुलिस के कथित अत्याचार के विरोध में आयोजित किया था. आंसू गैस का गोला छोड़े जाने के बाद कई वरिष्ठ नेताओं को बेचैनी की शिकायत करते हुए देखा गया और कार्यकर्ताओं को उनकी तरफ भागते तथा उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाते हुए देखा गया.
कांग्रेस और यूडीएफ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह ‘‘सोचा समझा हमला” था जबकि सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और एलडीएफ ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने समस्याएं खड़ी करने की कोशिश की.
जैसे ही सुधाकरन ने अपना भाषण खत्म किया तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीजीपी कार्यालय के समीप लगाए अवरोधकों पर चढ़ना शुरू कर दिया और उन्होंने सुरक्षा घेरे को पार करने की कोशिश की. जब तक सतीशन बोलना शुरू करते तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अवरोधकों पर चढ़ने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का एक गोला छोड़ा जो मुख्य मंच के ठीक पीछे गिरा जहां सांसद और विधायक मौजूद थे. इसके बाद अफरा-तफरी के माहौल में सभा समाप्त हो गई.
सुधाकरन और चेन्निथला आंसू गैस के गोलों से प्रभावित हुए जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें पास खड़ी एक कार तक पहुंचाया. दोनों नेताओं को उपचार के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया है. सुधाकरन ने अस्पताल में मीडिया से बातचीत में पार्टी नेताओं पर हमले को ‘‘अप्रत्याशित” करार दिया. उन्होंने कहा,‘‘ हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस के बीच मौजूद गुंडों ने बिना किसी उकसावे के हमला किया. उस दौरान वरिष्ठ नेता मौजूद थे.”
सतीशन ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि नेताओं पर इस प्रकार का ‘‘हमला” केरल के इतिहास में पहली बार हुआ है. कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि आंसू गैस का गोला मंच के ठीक पीछे फटा जहां कम से कम छह सांसद और पार्टी के कई विधायक मौजूद थे. थरूर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर यह ‘‘सोचा-समझा” हमला था.
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि किसके निर्देश पर पार्टी नेताओं पर हमला किया गया. हमें इस देश में विरोध करने का अधिकार है. निर्वाचित प्रतिनिधियों पर इस हमले के खिलाफ सांसद और विधायक संबंधित विशेषाधिकार समितियों के पास जाएंगे.”
चेन्निथला ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी कारण हमला किया और नेताओं ने सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत की.इस बीच, सुधाकरन ने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस देकर यहां डीजीपी कार्यालय की तरफ विरोध मार्च के दौरान हुई हिंसक घटना के संबंध में केरल पुलिस के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगी.कन्नूर से सांसद सुधाकरन ने पत्र में कांग्रेस की ओर से शनिवार सुबह कांग्रेस की ओर से आयोजित मार्च के दौरान विशेषाधिकार के हनन और उनके तथा उनके साथी संसद सदस्यों पर लक्षित हमला करने का आरोप लगाया.
वरिष्ठ नेता ने पत्र में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के ‘स्पष्ट निर्देशों’ के तहत केरल पुलिस द्वारा ‘विशेषाधिकार का जघन्य उल्लंघन’ किया गया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं पर हमला एक गंभीर मामला है. वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा, ‘‘केपीसीसी अध्यक्ष और विपक्ष के नेता पर हमला किया गया. मंच पर उस वक्त आंसू गैस का गोला फेंका गया जब नेता पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. यह अभूतपूर्व है. यह गंभीर मामला है.”
इस बीच, एलडीएफ संयोजक और माकपा के वरिष्ठ नेता ई पी जयराजन ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस के खिलाफ एक सुनियोजित हमला था. कांग्रेस ने कहा है कि वे पुलिस अत्याचारों के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.